छत्तीसगढ़

जुड़वा बच्चों को बेचने का मामला, नगर पुलिस अधीक्षक ने की जांच

Nilmani Pal
18 July 2022 3:59 AM GMT
जुड़वा बच्चों को बेचने का मामला, नगर पुलिस अधीक्षक ने की जांच
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अंबिकापुर। मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में स्थित मातृ एवं शिशु अस्पताल से विधवा के जुड़वा बच्चों को बेच देने के आरोप से पूरे दिन पुलिस जांच में लगी रही।देर शाम पुलिस ने दावा किया कि बच्चों को बेचा नहीं गया था बल्कि महिला और स्वजन की सहमति पर दो अलग-अलग निःसंतान दंपती को पालन पोषण के लिए दिया गया था।मामले में मानवीय आधार पर पहल करते हुए पुलिस ने मां को उसके दोनों बच्चे सौंप दिए है।इधर लगभग डेढ़ महीने तक अपने बच्चे के समान दोनों का पालन-पोषण करने वाले दंपती में निराशा है।

जानकारी के अनुसार जशपुर जिले के पत्थलगांव थाना क्षेत्र की विधवा महिला (45) को क्षेत्र के ही एक व्यक्ति ने प्रेम जाल में फंसाकर पहले शारीरिक संबंध बनाया था। जब वह गर्भवती हुई तो स्वजन के साथ उसे प्रसव के लिए अंबिकापुर 24 मई 2022 को लाया गया था।अगले दिन महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया।बच्चों की तबियत ठीक नहीं थी।उंन्हे एसएनसीयू में भर्ती किया गया था।आरोप है कि महिला की ननद और एक अन्य महिला ने कथित रूप से दोनों जुड़वा बच्चे का सौदा निसंतान दंपती से कर दिया था।महिला की छुट्टी हुई तो वह रिश्तेदारों के साथ चली गई।इधर जुड़वा बच्चों को दो निसंतान दंपती साथ ले गए।महिला कुछ दिन पूर्व अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच कर अपने जुड;वा बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र मांगी तो सर्टिफिकेट पता चला कि बच्चों को कोई और ले गया है और जो लोग ले गए हैं, जन्म प्रमाण पत्र उन्हीं के पास है।महिला ने पत्थलगांव थाने पहुंच कर मामले की जानकारी दी थी लेकिन मामला अंबिकापुर थाना क्षेत्र का होने के कारण पुलिस विशेष कुछ नहीं कर पाई। इस दौरान पत्थलगांव पुलिस ने अंबिकापुर पुलिस को जानकारी दी। फिर अंबिकापुर स्थित मणिपुर चौकी पुलिस ने अस्पताल से पूरी जानकारी निकाली तो पता चला कि 25 मई को महिला ने जुड;वा बच्चों को जन्म दिया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला और नगर पुलिस अधीक्षक अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच शुरू की गई। नगर पुलिस अधीक्षक अखिलेश कौशिक ने बताया कि जब मामले की जांच की गई तो बच्चों को बेचने जैसे कोई बात सामने नहीं आई।महिला की सहमति पर बच्चों को निसंतान दंपतियों को उनके रिश्तेदारों ने ही दे दिया था बच्चों को ले जाने वाले भी महिला से मुलाकात कर चुके थे महिला भी शुरुआती दिनों में बच्चों को पालने में असमर्थता जताई थी रिश्तेदारों द्वारा ही एक बच्चे को कोरबा के गुण आशियां और एक बच्चे को अंबिकापुर के गंगापुर मोहल्ले में निसंतान दंपत्ति को दे दिया था। दोनों बच्चे और उन्हें अब तक पाल पोस रहे दंपत्ति से भी पूछताछ की गई लेकिन उन्होंने भी बच्चों की खरीदी से साफ इनकार किया क्योंकि उनके पास संतान नहीं थे इसलिए उन्होंने अपने बच्चे की तरह इन दोनों का लालन-पालन किया दोनों बच्चों को स्वस्थ रखने में इन्होंने रक्तदान भी किया था पुलिस पूरे दिन इस मामले की जांच में लगी रही विधि विशेषज्ञों से भी राय ली गई आखिरकार यह निर्णय लिया गया कि दोनों बच्चों को उनके माता को सौंप दिया जाए मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर अब तक उनका लालन-पालन कर रहे दंपत्ति द्वारा बच्चों को रखने की इच्छा जाहिर की गई लेकिन पुलिस ने असमर्थता जताई।

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