छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा आदिवासियों की हत्या का मामला झूठा, याचिकाकर्ता को ही लगा लाखों का जुर्माना
रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान सुरक्षा बलों के हाथों आदिवासियों की हत्या की जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही याचिकाकर्ता हिमांशु कुमार पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है।
पीठ ने कहा कि वह केंद्र द्वारा अंतरिम आवेदन में बयानों के संबंध में कानून के अनुसार उपयुक्त कदम उठाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पर सब छोड़ रही है. बेंच ने कहा कि 'हम स्पष्ट करते हैं कि ये मामला केवल आईपीसी की धारा 211 के अपराध तक सीमित नहीं होगा'. बल्कि साजिश या किसी अन्य अपराध का मामला भी सामने आ सकता है. हमने कोई अंतिम राय व्यक्त नहीं की है. हम इसे राज्य के बेहतर विवेक पर छोड़ते हैं.
सर्वोच्च अदालत ने सरकार को हिमांशु कुमार के खिलाफ कार्रवाई की भी अनुमति दी। सरकार अब याचिकाकर्ता के खिलाफ केस दर्ज कर सकती है। उन्होंने 2009 में याचिका दाखिल कर छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा आदिवासियों की न्यायेतर हत्या का आरोप लगाया था। इस पर शीर्ष कोर्ट ने लोगों के बयान दर्ज करवाए थे, इसमें कुमार का दावा झूठा निकला। हिमांशु कुमार ने इन कथित हत्याओं की स्वतंत्र जांच की मांग की थी.