छत्तीसगढ़

लॉकडाउन में सबकुछ बंद सटोरियों का धंधा आबाद

Admin2
20 April 2021 6:03 AM GMT
लॉकडाउन में सबकुछ बंद सटोरियों का धंधा आबाद
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बुकियों-खाईवालों ने लॉकडाउन को बनाया कमाई का अवसर

< डीजी बंगले के पीछे, आकाशवाणी के आसपास चल रहा है अवैध कारोबार

< पुलिस की सख्ती के बाद भी सटोरिये बेखौफ, सटोरियों के आड़ में छुटभैय्ये नेता अपना हित साध रहे

< लॉकडाउन में पुलिस की व्यस्तता का फायदा उठा रहे अवैध कारोबारी

8 किलो अवैध गांजा के साथ 3 गिरफ्तार, बड़ी खेप आ रही थी राजधानी

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है लेकिन उसके साथ-साथ आईपीएल मैच भी चल रहा है। आईपीएल मैच में सटोरिये लगातार सट्टा लगा रहे है और सिर्फ आईपीएल में ही नहीं बल्कि रोजाना लगने वाले सट्टे ओपन क्लोज चलते जा रहे है। पुलिस लॉकडाउन की व्यवस्था में व्यस्त है और सटोरिए सट्टा लगाने में मस्त है। सट्टेबाजी के दांव लोग सुबह से लगाने लग जाते है। लॉकडाउन की वजह से आम लोगों का कारोबार बंद है लेकिन सट्टेबाजों का कारोबार चालू ही है। ये सट्टेबाज अपने-अपने इलाकों में अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपना काला कारोबार चला रहे है। कोरोना में भी सट्टेबाज अब अपना मुंह ढक कर पट्टी काटते नजऱ आते है। सट्टेबाजी रायपुर शहर के कई इलाकों में चले जा रही है। बैजनाथ पारा, नेहरू नगर, कालीबाड़ी, आकाशवाणी मंदिर के पास, डीजीपी बंगले के पीछे, छोटापारा, पुरानी बस्ती, खो-खो पारा, ईदगाह भाठा जैसे इलाकों में सट्टेबाज अपनी धाक जमा चुके है जिसे पुलिस रोक भी नहीं पा रही है।

छुटभैय्या नेताओं का मिलता साथ : सट्टे का कारोबार सिर्फ पुलिस की नाक के नीचे से ही नहीं चल रहा बल्कि इसे राजनीति से जुड़े लोग भी पानी देकर हरा भरा कर रहे हैं। कई छुटभैय्या नेता लोगों का दिखावे का काम तो कोई और होता है लेकिन असल में उनका अवैध शराब, अवैध लाटरी और सट्टे का कारोबार होता है। यदि किसी बड़े स्तर पर सट्टा लगाने वालों को पुलिस पकड़ भी लेती है तो सत्ता पर आसीन लोगों के संपर्क में रहने वाले यह छुटभैय्या नेता पुलिस पर दबाव बना कर उनको छुड़वा लेते हैं। मजेदार पहलू तो यह है कि ऐसे सफेदपोश लोगों की जानकारी भी उनके संबंधित थाने की पुलिस के पास होती है। लेकिन वहां पर छुटभैय्या नेताओं के साथ रिश्ते और उनसे मिलने वाले हिस्से के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

हर गेंद में सट्टा, बुकी मालामाल : सट्टा कारोबार जिले के आसपास के क्षेत्र में फल फूल रहा है। राजधानी में सट्टा खाईवालों की फौज खड़ी हो गई है। सूत्र बताते हैं कि शहर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां शाम होते ही महफिल सज जाती है। माना जा रहा है कि राजधानी में रोजाना लाखों रुपये का सट्टा और जुआ खेला जा रहा है। सूत्रों की मानें तो राजधानी में कई ऐसी जगहों में जुआ संचालित हो रहा है, जहां पांच से 10 लाख रुपये शो मनी रखी गई है। सटोरियों को लाइन देने वालों को यह जानकारी पहले से होती है। खाईवाल तीन सेशन में बांटकर दांव लेते हैं। पहला सेशन एक से छह ओवर में कितना रन बनेगा। दूसरा 12 ओवर और तीसरा 20 ओवर में टीम के कितने रन बन सकते हैं। इसके अलावा हर गेंद, हर ओवर, बल्लेबाज, गेंदबाज के पर दांव लिया जाता है।

डीजीपी बंगले के पीछे भी चल रहा सट्टा, कार्रवाई के नाम पर ठेंगा : लॉकडाउन के समय में भी इन दिनों सट्टे का अवैध कारोबार जोर शोर से चल रहा है। एक रुपए को अस्सी रुपया बनाने के चक्कर में खासकर युवा वर्ग अधिक बर्बाद हो रहे हैं। सट्टे के इस खेल को बढ़ावा देने सटोरी ग्राहकों को मुफ्त में स्कीम देखने सट्टे नंबर वाले चार्ट उपलब्ध करा रहे हैं। इसका गुणा भाग कर ग्राहक सट्टे की चपेट में बुरी तरह से फंस कर पैसा इस अवैध कारोबार में गंवा रहा है। शहर में बढ़ रहे अपराध पर अंकुश लगाने की पुलिस प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी सट्टा-जुआ, अवैध नशीली दवाओं का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी में पुलिस को गुंडे-बदमाशों के साथ सटोरियों और जुआरियों का फड़ लगाने वालों के साथ इन्हें संरक्षण देने वाले छुटभैया नेताओं से रोज जूझना पड़ता है।

सट्टेबाजी का दांव खुलेआम खेला जा रहा : सट्टेबाजी से आज तक किसी का भला तो नहीं हुआ है। मगर, सरकार को राजस्व का चूना जरूर लगा है। सट्टेबाजी और क्रिकेट से पुराना नाता है। पहले सट्टेबाजी घुड़दौड़ में लगाई जाती थी। जब उस पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया।

तब जाकर सट्टेबाजों का सॉफ्ट टारगेट बने क्रिकेटर और क्रिकेट। कई अच्छे क्रिकेट खिलाडिय़ों का पूरा करियर बर्बाद हो गई। सट्टेबाजी आजकल हर खेल के साथ जोंक की तरह चिपक गई है। यह बड़े स्तर पर खेला जाने वाला जुआ है। जुआ से ही भले किसी एक को बड़ा लाभ मिलता है परंतु लोग लोभ में इसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। यह पूरी तरह से धोखाधड़ी का खेल है। सट्टेबाजी ने जाने कितने घरों को अर्श से फर्श पर ला दिया। सट्टेबाजी के नशे का सरूर सब कुछ लुटाने के बाद ही उतरता है। मगर तब तक व्यक्ति मानसिक रूप से विक्षिप्तता की हालात में पहुंच चुका होता है।बैतूल में सटोरियों का गिरोह गिरफ्तार, छत्तीसगढ़ से जुड़े तार

एक तरफ कोरोना महामारी ने हर तरफ कोहराम मचा रखा है और लोग अपने काम धाम छोड़कर घरों में कैद हैं, लेकिन इस दौरान अपराधियों ने आईपीएल को आपदा में अवसर बना लिया है। मध्य प्रदेश की बैतूल पुलिस ने सटोरियों के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिनके तार बैतूल से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक जुड़े हुए है। पुलिस ने एक टीम बनाकर जिले के अलग अलग हिस्सों में दबिश दी, जिसमें आठ सटोरियों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें कुछ हिस्ट्रीशीटर बदमाश और सम्भ्रांत परिवारों के युवक भी शामिल हैं। वहीं तीन आरोपी फरार हो गए है, गैंग के सरगना को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है, जो बुकी का काम कर रहा था, बताया जा रहा है की इस गैंग द्वारा 17 अप्रैल को हुए मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के आईपीएल मैच पर लगभग एक करोड़ का सट्टा लगाया गया था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने सारे सटोरियों को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। बैतूल के एसडीओपी नितेश पटेल ने बताया है कि सटोरियों के पास से पुलिस ने एक लाख रुपये नगद, डिश टीवी, 9 एंड्रॉइड फोन और लगभग एक करोड़ का हिसाब-किताब बरामद किया है, पुलिस के मुताबिक, सटोरियों का रैकेट पूरी तरह पेपरलैस डिजिटल काम कर रहा था। आईपीएल मैच के दौरान एक गेंद से लेकर हार जीत तक पर सट्टा लगाया जाता था। उन्होंने इस गैंग में ऐसे भी कुछ आरोपी हैं, जो समाजसेवा की आड़ में सफेद कॉलर बने हुए हैं लेकिन इनका असली काम सट्टे का नेटवर्क है. फिलहाल किसी भी आरोपी को जमानत पर नहीं छोड़ा गया है और मामले की जांच जारी है।

गरियाबंद से गांजा की बड़ी खेप राजधानी पहुंचने वाली थी, उससे पहले मुखबिरी हो गई और तस्कर पकड़े गए। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि 3 लोगों को लाल रंग की मोटरसाइकिल में अवैध रुप से मादक पदार्थ गांजा परिवहन करते और ग्राहक तलाश करते हुए ग्राम छिंदौला से ग्राम जडज़ड़ा की ओर जा रहें हैं। जिसकी सूचना मिलने पर मुखबिर के बताए हुलिए के व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आने से रोककर पुछताछ की गयी । संबंधित तीनों व्यक्तियों के पास रखें बैग की जांच करने से उसमें पॉलिथीन पैकेट में अच्छी तरह से पैक कर गांजे को जप्त किया गया।

पूछताछ और जांच करने पर किसी भी किस्म के कागजात और इसके परिवहन की परमिशन ना बताने पर इन सभी आरोपियों को एनडीपीएस एक्ट के निहित समस्त प्रावधानों का पालन करते हुए पंचनामा तैयार कर मोटरसाइकिल और 8 पैकेट में मादक पदार्थ गांजे जिसका कुल वजन 8 किलोग्राम था। जिसकी बाजार कीमत लगभग 80,000 बताई गई है।

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