रायपुर एम्स के HOD का कारनामा, महिला आयोग में फार्मासिस्ट ने खोली पोल
रायपुर। एम्स हॉस्पिटल के खिलाफ राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज हुई है. फॉर्मोकोलॉजी डिपार्टमेंट में काम कर रही युवती ने HOD पर मेंटली और फिजिकली हरासमेंट का आरोप लगाया है. पीड़ित फार्मासिस्ट का आरोप उसे मेंटली और फिजिकली हरासमेंट किया गया और जॉब से निकाला गया. फॉर्मोकोलॉजी के सीनियर प्रोफेसर, असिसेन्ट प्रोफेसर, टेक्निकल असिस्टेंट और क्लर्क 4 लोगों पर मेंटली और फिजिकली हरासमेंट का आरोप लगाया है.
बता दें कि, पीड़ित युवती फार्मासिस्ट है. 2019 से जॉब कर रही. पीड़िता का आरोप है कि, उसके साथ मेंटली और फिजीकली हरासमेंट हुआ है. फॉर्मोकोलॉजी विभाग के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि, फाइल देते वक्त उसके हाथों को टच करते थे. फिजीकली उसे टच करते थे, कमेंट्स करते थे. एक बार HOD ने उनका फोन खींचा था और 2021 में युवती को जॉब से निकाल दिया था.
हालांकि, मामला लेबर कोर्ट पहुंचा. जहां दोबारा उसे जॉब में रखा गया और उसके बाद फिर मई 2023 में पीड़िता को जॉब से निकाल दिया गया. HOD ने युवती के सभी आरोपों को गलत बताए हुए कहा कि, ऑफिस में CCTV कैमरे लगे हैं. वे हर जांच के लिए तैयार हैं. युवती की इंग्लिश अच्छी नहीं है और हमारे डिपार्टमेंट में सारा काम इंग्लिश में होता है, इसलिए हमने युवती को किसी अन्य विभाग में ट्रांसफर करने के लिए आवदेन लिखा है. जॉब से नहीं निकाला.
महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि, हॉस्पिटल में इंटरनल कंप्लेन कमेटी की जो रिपोर्ट होगी उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि, महिला आयोग में जनसुनवाई के दौरान आज रायपुर एम्स हॉस्पिटल के 2 शिकायतें दर्ज हुई है. दूसरा मामला इलाज में लापरवाही से मरीज की मौत का है, जहां एक समाज सेविका ने शिकायत दर्ज कराई है.