छत्तीसगढ़
बुजुर्ग की हत्या मामले में आरोपियों को मिली 10 साल की सजा
Shantanu Roy
24 Jun 2022 4:47 PM GMT
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छग
सक्ती। दीपावली त्यौहार के समय धनतेरस के दिन की जा रही साफ सफाई के दौरान थूकने से मना करने पर बुजुर्ग की पीट पीटकर हत्या करने वाले आरोपितों को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे ने दस - दस वर्षसश्रम कारावास की सजा सुनाईहैऔर एक एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। पुलिस नेइसे हत्या का अपराध बताया था जबकि न्यायालय ने इसे हत्या न मानते हुए गैर इरादतन हत्या 304 के तहत दोषी पाते हुए आरोपितों को सजा सुनाई है।
अभियोजन के अनुसार 5 नवंबर 2018 की सुबह 7ः30 बजे डभरा वार्ड न. 9 निवासी मन्नाूराम घर के सामनेखडा था । धनतेरस होने के कारण मुकेश की मां शिवरात्रि अपने घर के बाहर लिपाई पुताई कर रही थी । उसी समय संतोष चौहान एवं बबलूचौहान गुड़ाखू करते हुए आए एवं साफ सफाईकर रहे स्थान पर थूक दिया। तब मन्नाूराम ने दोनों युवकों को थूकने से मना किया। जिस पर संतोष चौहान एवं बबलूचौहान नेगाली गलौज करते हुए मारपीट कर धक्का देकर गिरा दिया । जिससे बुजुर्ग मन्नूराम घायल हो गया। मारपीट से आई चोट के कारण मन्नाू राम की 14 नवंबर 2018 कोमौत हो गई।
मामले में पुलिस ने पहलेमारपीट का मामला दर्ज किया था। बाद में मन्नूराम की मौत होनेकेबाद भादवि की धारा 302 जोड़ा गया। पुलिस नेआरोपितोंकोगिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में13 लोगों की गवाही हुई। पीएम करने वाली डा. शालिनी कुर्रे ने शरीर मेंचोट, दाई आंख के नीचे सूजन, कमर में दर्द तथा रीढ़ की हड्डी व सिर में चोट और दोनों फेफड़ों में खून भरा हुआ बताया था। गवाहों के बयान एवं परिस्थितियों को देखतेहुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे ने आरोपितोंके विरुद्घ मृतक मन्नाू चौहान की हत्या की कोटि में ना आने वाला अपराधिक मानव वध का अपराध प्रमाणित मानते हुए धारा 294,506, 302 सेदोषमुक्त किया और धारा 304 के 10 - 10 वर्ष के सश्रम कारावास और एक एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अधिवक्ता दुर्गा प्रसाद साहू ने पैरवी की।
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