छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत 10 महीने में मकान हुआ बनकर तैयार

Nilmani Pal
17 Jan 2023 12:09 PM GMT
प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत 10 महीने में मकान हुआ बनकर तैयार
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धमतरी। धमतरी के ग्राम बरारी की कमला बाई के जीवन में तब अंधकार छा गया, जब उनके पति सुखित राम की असमय मृत्यु हो गई। तीन मासूम बच्चियों की परवरिश का जिम्मा अकेले उनके कंधो पर आ गया। जैसे-तैसे मेहनत, मजदूरी कर कमला बाई ने बच्चों की परवरिश की और गुजर-बसर किया। इस दौरान वर्ष 2003 में उन्हें मितानिन का काम मिला। उनकी आर्थिक स्थिति तो ठीक नहीं थी, ऊपर से घर भी कच्चा। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान के रूप में सामने आया। ग्राम पंचायत के जरिए योजना के तहत प्रतीक्षा सूची में नाम होने की जानकारी उन्हें वर्ष 2018 में मिली। इसके बाद उन्होंने पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, जॉब कार्ड और बैंक पासबुक जमा किया और अगस्त माह में उनका आवास स्वीकृत हुआ और पहली किश्त के रूप में 35 हजार रूपये की राशि मिली। इसके बाद एक-एक कर चार किश्तों में एक लाख 20 हजार रूपये उनके खाते में आए। इस तरह दस माह में ही उनका खुद का पक्का मकान बनाने का ख्वाब पूरा हो गया।

घर बनाने के दौरान उन्होंने खुद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम किया और 90 दिवस की मजदूरी उन्हें मिली। वे शासन का शुक्रिया अदा करती हैं कि उनकी तरह निराश्रित, गरीब महिला की सुध लेकर घर बनाने में सहयोग किया गया। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत घरों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके परिप्रेक्ष्य में धमतरी जिले में आवास के लिए चिन्हांकित हितग्राहियों के खाते में राशि डाली जा रही है। अक्टूबर 2022 में जहां 281.49 लाख रूपये हितग्राहियों के खाते में डाले गए, वहीं नवम्बर में 83.81 लाख रूपये हितग्राहियों के खातों में हस्तांतरित किए गए। वर्ष 2011 की प्रतीक्षा सूची में जिले में 42 हजार 418 हितग्राही परिवार हैं, जिनमें से 40 हजार 150 हितग्राहियों का आवास अब तक स्वीकृत हो गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत प्रियंका महोबिया ने बताया कि अब तक 87.65 प्रतिशत हितग्राहियों का आवास पूरा हो गया है। शेष 4959 हितग्राहियों के खाते में किश्त की राशि जारी कर उन्हें अपना पक्का मकान जल्द पूरा करने प्रेरित किया जा रहा है।

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