जगदलपुर। जिले के नैननार गांव में घर के आंगन में खेल रहे 2 वर्षीय बच्चे को लकड़बग्घा ने अपना शिकार बना लिया. कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे की मां और ग्रामीणों ने लकड़बग्घे के जबड़े से बच्चे को आजाद कराने में सफल रहे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. जख्मी बच्चे को तत्काल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई.
दरअसल तोकापाल विकासखंड के ग्राम पंचायत नैननार में एक 2 वर्षीय बच्चा अपने ही घर के आंगन में खेल रहा था. इसी दौरान लकड़बग्घा ने झाड़ियों से निकलकर बच्चे को दबोचते हुए जंगलों में भाग रहा था. अचानक जब बच्चे की मां का नजर उस लकड़बग्घे पर पड़ा तो देखा कि वह उसके बच्चे को लेकर जंगलों की ओर जा रहा है. चीखती चिल्लाती बच्चे की मां लकड़बग्घे के पीछे भागी और अपने बच्चे को छुड़ाने की भरपूर कोशिश करने लगी.
चीखने की आवाज सुनकर ग्रामीण लकड़बग्घे के पीछे बच्चे को बचाने के लिए दौड़ पड़े. तकरीबन 2 से 3 किलोमीटर तक लकड़बग्घा ने अपने जबड़े में बच्चे को पकड़कर ले जाता रहा. ग्रामीणों की कड़ी मशक्कत के बाद लकड़बग्घे से बच्चे को छुड़ाने में जरूर सफल रहे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. जख्मी बच्चे को तत्काल ही बस्तर के सबसे बड़े डीमरापाल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां बच्चे की इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस हमले से ग्रामीणों में काफी भय का माहौल है. पूरा गांव में मातम पसरा हुआ है. इधर फॉरेस्ट विभाग बच्चे के परिवार को मुआवजा देने की तैयारी कर रहा है.