छत्तीसगढ़

टेरर फंडिंग: मंडल, धीरज साव, आयशा को भी मिला पैसा

Nilmani Pal
9 Dec 2021 5:26 AM GMT
टेरर फंडिंग: मंडल, धीरज साव, आयशा को भी मिला पैसा
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  1. पुलिस को पेट्रोलिंग और किराएदारों की सूची पर गंभीरता से काम करना चाहिए
  2. छग पुलिस को गहन जांच लगातार अलग-अलग एंगल से भी करना चाहिए
  3. मुंबई के डॉन के गुर्गे रायपुर के सभी अवैध कारोबारियों से लगातार संपर्क में सट्टा-जुआ, अफीम, चरस और अन्य नशीले कारोबार में संलिप्त
  4. तेलंगाना के नक्सली संगठन के प्रमुख हुलिया बदल कर रायपुर एयर पोर्ट का करते हैं उपयोग
  5. पुलिस का जांच का विषय, झारखंड के नक्सलियों का प्रमुख छग में रूप बदल कर रहता है रायपुर में
  6. आतंकी संगठनों के प्रमुखों के लिए सुरक्षित स्थल कबीर नगर, टाटीबंध, सेजबहार, दीनदयाल उपाध्याय नगर, बिरगांव, सड्डू, मोवा, गोगांव
  7. नक्सलवाद और अन्य आतंकी संगठनों का छिपने का प्रमुख अड्डा सबसे सुरक्षित रायपुर को माना जाता है
  8. तस्करों का प्रमुख केंद्र बना रायपुर, टेरर फंडिंग के लिए देश का प्रमुख हवाला हब रायपुर है

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। पाकिस्तान से राजू खान के खाते में 50 बार आतंकी फंडिंग की रकम आई। इनमें सर्वाधिक एक बार में 15 लाख और 10 लाख की राशि भी कराची से डाली गई थी। उसके खाते में लगभग 40 लाख रुपये की फंडिंग की गई। फंडिंग के मामले में रायपुर पुलिस को यह जानकारी मिली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस को यह जानकारी राजू खान के खाते की जांच के बाद मिली है।उल्लेखनीय है कि बुधवार को आतंकी फंडिंग के मामले राजू खान को न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन अग्रवाल रायपुर जिला कोर्ट में पेश किया गया। जहां से आरोपित को दो दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।वहीं पूरा मामला एनआइए कोर्ट चलेगा। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ में आरोपित राजू खान से कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिसके आधार पर आगे की जांच की जा रही।

तीन से चार नाम और सामने आए हैं। बतादें कि राजू खान निवासी बीजोन थाना दुर्गापुर जिला वर्धमान बंगाल का नाम आतंकी फंडिंग में सामने आया था। 2013 में राजधानी के खमतराई थाने में एफआइआर के बाद से आरोपित फरार चल रहा था।

राजू खान पिछले दिनों रायपुर आया था

जानकारी के मुताबिक आरोपी राजू खान पिछले दिनों रायपुर आया था. यहां वे एक होटल में रूका. लेकिन जैसे ही उसे ये भनक लगी कि सिमी के आतंकियों को कोर्ट से ब्लॉस्ट के मामले में सजा हुई है और उक्त मामले में रायपुर पुलिस ने भी उसे खोजना शुरू कर दिया है, इस भनक के बाद वे रायपुर से फरार हो गया. लेकिन रायपुर पुलिस की सतर्कता के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उससे विस्तृत पूछताछ की गई. जिसके आधार पर आगे की जांच अभी जारी है.

ईडी ने 2018 में दिया था नोटिस:

मिली जानकारी के अनुसार आंतकी फंडिंग के मामले में आरोपित राजू खान को 2018 में रायपुर ईडी ने नोटिस दिया था. लेकिन ये अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि उक्त नोटिस का जवाब उसने दिया या नहीं।

ऐसे खुला था राज

आतंकी फंडिंग का आरोपी राजू खान का मामला वर्ष 2013 में एक ठेले वाले से खुला था. जिला जमुई, बिहार निवासी धीरज साव रायपुर में अंडा-चिकन का ठेला लगाता था, जिसे गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने पाकिस्तान के एक आतंकी के संपर्क में रहने की जानकारी दी थी. वर्तमान में धीरज साव, जुबैर हुसैन, पप्पू मंडल एवं आयशा बानो रायपुर केंद्रीय जेल में 10 वर्ष की सजा काट रहे हैं. इसी मामले में फरार राजू खान के संबंध में जानकारी मिली कि उसका संबंध कश्मीर से है. इसके अलावा वह सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े जुबैर हुसैन और आयशा बानो से भी उसका संबंध है. वर्ष 2013 से जब धीरज और अन्य आरोपित पकड़े गए, तब से राजू पहचान छिपाकर अलग-अलग स्थानों में रहने लगा. पकड़े जाने के डर से वर्ष 2016 में दुर्गा स्टील प्लांट से सेवानिवृत्ति ले ली और फरार हो गया. रायपुर पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने पहुंची तब वे ड्रायफ्रूट का व्यवसाय करते हुए मिला. सूत्र बताते है कि ईडी की नोटिस के मामले में आरोपी कई बार दुर्गापुर पुलिस ने भी पूछताछ के लिए बुलाया गया. लेकिन आरोपी ने इतने शातिर तरीके से पुलिस की पूछताछ में कई बार गया, लेकिन पुलिस को ये भनक तक नहीं लगी कि पूरा मामला आतंकी फंडिंग का है. लेकिन जब रायपुर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंची और दुर्गापुर पुलिस को पूरी जानकारी दी तो पुलिस के भी होश उड़ गए. आरोपी इतना शातिर है कि उसने अपने आधा दर्जन से बैंक खातों की पूरी जानकारी दस्तावेज समेत नष्ट कर दिए है. हालांकि इस मामले में पुलिस कड़ी दर कड़ी सुराग एकत्र कर रही है।

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