बतौली। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के पहाड़ी इलाके मूर्तादाड़ भूडुआमा में रहने वाले ईश्वर यादव के नाबालिक बेटे को अधमरा कर जंगल में फेंक दिया गया। जहां वह रातभर बेहोशी की हालत में पड़ा रहा। सुबह जब कुछ ग्रामीणों ने उसे देखा तो उसे उसके घर पहुंचाया। फिर आनन-फानन में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बतौली ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। पूरा मामला बतौली थाना क्षेत्र का है।
मिली जानकारी के अनुसार, मूर्तादाड़ भुडूआमा निवासी ईश्वर यादव का बैल रविवार की शाम जंगल में भटक गया था, जिसे ढूंढने उसका 16 साल का बेटा विनोद यादव बागवानी जंगल की तरफ गया। जंगल में भटकते-भटकते वह थक गया और प्यास से परेशान हो गया। वह जंगल के पास ही अपने पुराने दुश्मन कुलदीप के यहां पानी मांगने के लिए पहुंचा। लेकिन उनकी क्रूरता ऐसी कि, पानी तो दिया नहीं उल्टे अपने दो दोस्तों के साथ उसकी जमकर पिटाई कर दी। जब वह अधमरा हो गया तो उन्होंने उसे जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया।
इसके बाद नाबालिग रातभर जंगल में बेहोशी की हालत में पड़ा रहा। जब उसे होश आया तो वह न तो कुछ बोलने की और न ही चलने की हालत में था। सुबह कुछ ग्रामीण जंगल पहुंचे तो उसकी पहचान कर उसे घर पहुंचाया। फिर अफरा-तफरी में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बतौली ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया।