छत्तीसगढ़

तीन लाख कर्मियों के नियमितीकरण में तकनीकी बाधा

Nilmani Pal
4 Nov 2022 5:50 AM GMT
तीन लाख कर्मियों के नियमितीकरण में तकनीकी बाधा
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नियम शिथिल किए बगैर नियमितीकरण मुश्किल

कांग्रेस ने पांच लाख कर्मियों को किया था नियमितीकरण का वादा

3 लाख में है तकनीकि बाधा, शेष 2 लाख से कैसे पूरा होगा वादा

हजारों कर्मचारी प्र्लसमेंट एजेंसी के जरिए कर रहे नौकरी उनका क्या होगा?

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में सभी विभाग के कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। वर्तमान स्थिति में देखे तो 54 विभाग व 35-40 निगम मंडल आयोग में प्लसमेन्ट, आउट सोर्सिंग, जॉब दर, ठेका, मानदेय, श्रमायुक्त दर के अस्थायी श्रमिक, कलेक्टर दर के अस्थायी श्रमिक,अंश कालीन, केंद्रीय योजना के राज्य सरकार के द्वारा रखे गए सविंदा, श्रमायुक्त दर, कलेक्टर दर के कर्मचारी इस समस्त स्थानों में कार्यरत है, यह सब शब्द प्रशासकीय शब्द है जो विभाग इन्हें इंगित करने के लिए प्रयोग करता है, एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में ऐसे सभी कर्मचारियों की संख्या लगभग 5 लाख है।

छग अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रवक्ता सत्यम शुक्ला ने बताया कि सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी संख्या में नियमित हो पाना, सरकार का कर पाना, बजट और कानूनी बाधा पेंच का न आना, यह सब इतना सरल है क्या? वही 2 लाख कर्मचारियों का नियमितिकरण हो पाना तो संभव दिखता है क्योंकि पूर्व में 2018 में उस समय की प्रदेश सरकार ने इतने संख्या के शिक्षकों को किया था। इसमें जो बचे थे उन्हें नियम शिथिल करते हुए, 8 वर्ष के स्थान पर 2 वर्ष में नियमित वर्तमान सरकार ने कर दिया गया था। ऐसे देखने पर 2 से 3 चरण में यह सम्पूर्ण 5 लाख नियमित किये जा सकते है ऐसा संभव तो दिखता है। यह इतना सरल भी नहीं है जब हम ध्यान से कर्मचारियों की परिस्थितियों को देखते है तो पता चलता है कि 2 घण्टे प्रतिदिन काम करने वाले, महीने में 8 दिन काम करने वाले, वर्ष में 9 व 11 माह काम करने वाले जो 365 दिन 8 घण्टे काम नहीं करते है उनका कैसे नियमितीकरण संभव है, वही जो विभाग से सीधे कर्मचारी नहीं है मतलब थर्ड पार्टी कर्मचारी है जिसमें प्लेसमेन्ट, ठेका और आउट सोर्सिंग कर्मचारी आते है उनको सीधे कैसे नियमित किया जा सकता है? यह सब यही समाप्त नहीं होता है बहुत से छग राज्य के कर्मचारी ऐसे है जो केंद्रीय योजनाओं जिनका क्रियान्वयन का सम्पूर्ण जवाबदारी प्रदेश सरकार का है। उसके अंतर्गत भी काम करते है। उनके लिए क्या समाधान निकाला जा सकता है?

प्लैसमेंट एजेंसी के जरिए कार्यरत कर्मचारियों का क्या होगा

प्लैसमेंट एजेंसी के जरिए कार्यरत कर्मचारियों के अलावा बहुत से ऐसे कर्मचारी है जिनको कलेक्टर दर का वेतन भी वर्तमान में नहीं मिलता है जिसमें आंगन बाड़ी इत्यादि कर्मचारी आते है, इनका नियमित हो पाना कैसे संभव है?

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