छत्तीसगढ़

शिक्षक संघ भड़के, निकम्मा कहने पर कड़ी निंदा की

Nilmani Pal
2 July 2022 11:39 AM GMT
शिक्षक संघ भड़के, निकम्मा कहने पर कड़ी निंदा की
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रायपुर। स्कूलों को प्रयोगशाला और बच्चों को प्रायोगिक सामग्री समझने वाले अफसरों ने ही स्कूलों की गुणवत्ता का कबाड़ किया है. शिक्षक यदि निकम्मे हैं तो आपको वाहवाही किस बात पर मिलती है ? गैर शैक्षणिक कार्य और अनावश्यक प्रयोग बंद हो. ये बातें छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने कही है. प्रदेश के शिक्षकों ने इस तरह के बयानों की कड़ी निंदा की है और मुख्यमंत्री से मांग की है ऐसे बेलगाम अफसरों पर लगाम लगाकर शिक्षकों की गरिमा बनाए रखें. छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि गत दिवस वेबिनार में शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला ने शिक्षकों को निकम्मा कहकर कमजोर गुणवत्ता के लिए शिक्षकों को दोषी ठहराया है, अब यह मुद्दा गरमाने लगा है. दुबे ने उनके इस बयान को गैर जिम्मेदाराना ठहराते हुए कड़ी निंदा की है और इसके लिए दोषी अफसरशाही को ही बताया है, जिन्होंने कमरे में बैठकर नित प्रतिदिन एक नया प्रयोग स्कूलों में करके स्कूलों को एक प्रयोगशाला और बच्चों को प्रायोगिक सामग्री बना दिए हैं.

प्रांताध्यक्ष दुबे ने कहा शिक्षकों से दिन रात इतने गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाते हैं कि शिक्षक को अध्यापन के लिए समय ही नहीं मिल पाता. रोज नए विधियों के अधकचरे ज्ञान से ही स्कूलों की गुणवत्ता बिगड़ रही है, उस पर कक्षा आठवी तक कक्षोंन्नति देना भी बच्चों की गुणवत्ता को कमजोर बनाना है.

Nilmani Pal

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