शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने शिक्षकों की लगी पाठशाला
बिलासपुर। जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला तंबाकू नियंत्रण इकाई द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। बजेस मेमोरियल कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यशाला में शहरी क्षेत्र में संचालित शैक्षणिक संस्थानों के प्राचार्य एवं शिक्षकों ने हिस्सा लेकर तंबाकू उपयोग के दुष्परिणामों को जाना। साथ ही तंबाकू उत्पादों की बिक्री एवं उपयोग के पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होने और संस्थानों में कोटपा अधिनियम की धारा एवं इसके तहत निर्धारित मापदंडों के बारे में भी विस्तार से जानकारी हासिल की।
कार्यशाला में शैक्षणिक संस्थान में तंबाकू निषेध संबंधी भारत सरकार द्वारा तय मापदंडों की जानकारी प्रदान की गई। साथ ही संस्थानों में कोटपा अधिनियम की धारा एवं इसके तहत निर्धारित सूचना पटल को प्रदर्शित करना अनिवार्य है, इसे भी बताया गया और संस्थान इन नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं इसके लिए निगरानी समिति का गठन किए जाने की जानकारी भी दी गई।
इस संबंध में जिला नोडल अधिकारी, तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. बी.के. वैष्णव ने बताया: "गत वर्ष जिला प्रशासन द्वारा बेहतर शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के रूप में घोषित किया गया है। वहीं 705 शैक्षणिक संस्थानों द्वारा स्व मूल्यांकन पूर्ण किया गया है। साथ ही ऐसे संस्थानों का मूल्यांकन एवं सत्यापन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्ण किया जा चुका है। इन संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित किए जाने का प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाना शेष है। इसके अलावा 5 महाविद्यालय तथा एक विश्वविद्यालय द्वारा तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थानों के मापदंडों को पूर्ण किया जा चुका है। इस वर्ष जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें शिक्षा विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग का समन्वय स्वास्थ्य विभाग के साथ अपेक्षित है।"
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम जिला सलाहकार डॉ. अनुपम ने बताया: "शैक्षणिक संस्थानों में तंबाकू उत्पाद का उपयोग किया जाना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। भारत सरकार द्वारा इसके लिए कई मापदंड निर्धारित किए हैं, जिनका अनुपालन शैक्षणिक संस्थानों को करना अनिवार्य है। इसमें मुख्यतः संस्थानों में कोटपा अधिनियम की धारा एवं इसके तहत निर्धारित तंबाकू उत्पाद निषेध सूचना पटल को प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य होगा। शैक्षणिक संस्थानों को वर्ष में कम से कम 2 बार उपरोक्त विषयों पर छात्र-छात्राओं को जानकारी प्रदान करने हेतु गतिविधियां आयोजित करना होगा। शैक्षणिक संस्थानों में उक्त बिंदुओं के निगरानी करने के लिए समिति का गठन किया जाएगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थान परिक्षेत्र के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। संस्थानों को तंबाकू मुक्ति के लिए स्वमूल्यांकन कर सूचित करना होगा जिसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा संबंधित शैक्षिक संस्थान को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के रूप में घोषित किया जाएगा।" कार्यशाला के दौरान तंबाकू नियंत्रण के लिए तय मापदंडों और नियमों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया गया। इस कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग द यूनियन संस्था द्वारा किया गया।