बोर्ड स्टूडेंट का उत्तर पुस्तिका जांचते हंस पड़े टीचर, लिखा था - ढाई घंटे बैठकर क्या करता सर
महासमुंद। इस बार बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों ने पास करने के लिए पेपर जांचने वालों से लिखने का पैटर्न बदल दिया है। इस बार मैं गरीब घर से हूं, मुझे उत्तीर्ण कर देना, उत्तर पुस्तिका का भीतर 100, 50 रुपए का नोट नहीं डाला है बल्कि सवाल ही बदल डाला है। दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा में जो प्रश्न बोर्ड ने पूछे थे, उसे काटकर अनेक छात्रों ने स्वयं प्रश्न लिखकर उसका उत्तर दे दी है। एक उत्तर पुस्तिका में एक छात्र ने बकायदा लिखा था-सर ढाई घंटे बैठकर मैं क्या करता,इसलिये स्वयं प्रश्न बनाकर उसका उत्तर लिख दिया हूं। इस तरह की पुस्तिकाएं जांचने के दौरान मूल्यांकनकर्ताओं को मिल रही है। जांचने वाले शिक्षक भी जमकर ठहाके लगा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में मूल्यांकन के दौरान अंग्रेजी, गणित तथा विज्ञान जैसे विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं में एक से बढक़र एक वाक्य शायरी तथा कविताओं के साथ 100-50 रुपए के नोट निकलते रहे। यह बात अब आम बात हो गई थी। जिसे देखकर मूल्यांकनकर्ता हैरान रहते थे।
इस बार समन्वय केन्द्र आत्मानंद शासकीय उमा विद्यालय में 500 मूल्यांकनकर्ता मूल्यांकन कर रहे हैं। इस दौरान अनेक उत्तर पुस्तिकाओं में स्वयं प्रश्न लिखकर छात्रों ने इसका उत्तर लिखा है। अब यदि मूल्यांकनकर्ता छात्रों की इस स्थिति को दया दिखाते हुए यदि 1-2 नंबर दें भी दें तो मूल्यांकनकर्ताओं के मूल्यांकन पर ही उंगलियां उठने लग जाएगी। फलस्वरूप मूल्यांकनकर्ता अपनी भावनाओं को स्थिर रखकर मूल्यांकन कार्य कर रहे हैं।
आदर्श उमा विद्यालय आत्मानंद के प्राचार्य हेमेन्द्र आचार्य से मिली जानकारी के अनुसार मूल्यांकन कार्य तेजी से जारी है। अब तक दसवीं, बारहवीं की कुल 57430 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो चुका है। इसके लिए पहले दसवीं की कुल 44543 कॉपियां पहुंची थी। इनमें से 32039 कॉपियां जांची जा चुकी है। वहीं 12504 कॉपियां शेष है। इसी तरह बारहवीं की 27812 कॉपियों में 15491 कॉपियां जांची गई तथा 12322 कॉपियां शेष है। दूसरे लॉट में 13921 कॉपियां फिर पहुंच चुकी हैं।