छत्तीसगढ़

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हेतु टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने दिए उपयोगी सुझाव

Admin2
8 July 2021 1:12 PM GMT
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हेतु टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने दिए उपयोगी सुझाव
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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा उच्च शिक्षा के विकास पर गठित टास्क फोर्स की पहली बैठक आयोग के कार्यालय नवा रायपुर में आयोजित की गई। बैठक में टास्कफोर्स के सदस्यों एवं अन्य विभागों के प्रतिनिधियों ने राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति व चुनौतियों के संबंध में अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष और टास्क फोर्स के अध्यक्ष श्री अजय सिंह ने टास्कफोर्स के विस्तृत विषय क्षेत्र के बारे में बताते हुए इसके लिए वर्किंग ग्रुप्स बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्किंग ग्रुप्स में देश व प्रदेश के अन्य विषय-विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने उच्च शिक्षा के विकास के लिए दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन लक्ष्यों व समाधानों की अपेक्षा टास्क फोर्स से की।

टास्क फोर्स के सदस्य श्री एम.के. श्रीधर ने राज्य में उच्च शिक्षा के विकास हेतु प्राथमिकता क्षेत्र का निर्धारण कर रोडमैप बनाने और इसके लिए उपयुक्त रणनीति की आवश्यकता बताई। टास्कफोर्स के अन्य सदस्य प्रो. के. रामचंद्रन ने राज्य में उच्च शिक्षा के विकास हेतु 10 वर्षीय रणनीति व कार्ययोजना बनाकर समय-समय पर उसकी समीक्षा का सुझाव दिया। प्रो. रजत मूना ने विभागों को नयी शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में अंतर्वैषयिक एप्रोच अपनाने का सुझाव दिया। सदस्यों ने अकादमिक एक्सीलेंस, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गवर्निंग एक्सीलेंस, इंटरनेशनल एक्सपोजर इत्यादि पर भी सुझाव दिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही टास्कफोर्स के अंतर्गत वर्किंग ग्रुप्स का गठन कर बैठक आयोजित की जाएगी।

बैठक में टास्कफोर्स के सदस्य श्री शांता कुमार, कुलपति गुजरात विधि विश्वविद्यालय, प्रो. एम. के. श्रीधर, कर्नाटक नालेज कमीशन, प्रो. के. रामचंद्रन (एनआईईपीए), प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण प्रो. एस. के पाटिल (आईजीकेव्ही), प्रो. रजत मूना (आईआईटी), प्रो. प्रदीप सिन्हा (आईआईआईटी), प्रो. एम.के. वर्मा (सीएसव्हीटीयू), प्रो. एन पी दक्षिणकर (डीव्हीसीकेयू), डॉ. ए.के. चंद्राकर (आयुष), श्री अनुप कुमार श्रीवास्तव, सदस्य सचिव व उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, पशुधन विकास व मत्स्यिकी तथा अन्य विभागों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

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