सेट्रल जेल में तरावीह और नमाज पर पाबंदी, कैदियों ने नहीं रखा रोजा
रायपुर। केंद्रीय जेल रायपुर में मुस्लिम कैदियों ने रोजा नहीं रखा, कारण तरावीह और नमाज के लिए पर पाबंदी होना बताया जा रहा है। जानकार सूत्रों के अनुसार पिछले 80 वर्षों के दौरान जेल में कभी भी तरावीह, नमाज व रोज रखने पर किसी प्रकार की पाबंदी नहीं लगाई गई लेकिन इसी वर्ष कोविड का प्रोटोकॉल बताकर जेल में इस तरीके की पाबंदी लगाई गई है जिसे लेकर मुस्लिम कैदियों और हवालातियों में भारी रोष है। विरोध के चलते कैदियों ने रोजा और नमाज रखने से इनकार कर दिया।
इस मामले में पूछे जाने पर जेलर जेडी पटेल ने जनता से रिश्ता से कहा कि कोविड के कारण हमारे राज्य में स्पेशल कोविड प्रोटोकॉल लागू है इसलिए जेल में सामूहिक तरावीह और नमाज की व्यवस्था हम नहीं कर रहे हैं लेकिन कैदी अपने-अपने बैरक में नमाज पढ़ रहे हैं, ऐसी हमारी जानकारी में है। इतना बोलकर जेडी पटेल ने अपना पल्ला झाडऩे की कोशिश की। ज्ञात रहे कि पिछले 50 सालों से भी ज्यादा समय से बैजनाथपारा मदरसे से लगातार तराबी के लिए मौलानागण जेल में विशेष तरावीह के लिए जाते रहे हैं।
जनता से रिश्ता ने इस संबंध में मुस्लिम नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन किसी भी मुस्लिम नेता ने ऐसी किसी जानकारी से साफ इनकार किया। वहीं हाजी अलीम रजा को यह जानकारी उपलब्ध कराने पर उन्होंने तत्काल कल सुबह जेलर से मिलकर बात करने के लिए मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल तैयार करने की बात कही है। इस प्रतिनिधिमंडल के साथ जनता से रिश्ता सहित मीडिया के प्रतिनिधि भी जेल जाकर मामले में जेलर से बातचीत कर संपूर्ण जानकारी लेंगे।
भारत सरकार ने 31 मार्च के बाद कोरोना प्रोटोकॉल के सारे नियम हटा दिए है।
अपडेट के लिए देखते रहे jantaserishta.com