सरगुजा कमिश्नर ने खोखनिया नाला के विकास कार्यो का लिया जायजा
डीएफओ श्री संजय यादव ने बताया कि सिंचाई एवं जलस्तर वृद्धि के साथ ही खोखनिया नाला पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। सैकड़ों पर्यटक प्रतिदिन आते हैं। वन्यप्राणीयों एवं मवेशियों के लिये वर्ष भर जल की उपलब्धता सुनिश्चित हुआ है। कुँआ एवं बोरवेल के जल स्तर में वृद्धि होने से लगभग 180 हेक्टेयर, खरीफ क्षेत्र सिंचित हुआ हैं जिससे 485 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। नरवा विकास होने से पिलखा पहाड़ के सुंदरता में वृद्धि हुई है। इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत-पण्डोनगर (पहाड़गांव) के खोखनिया नाला में निर्मित वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की लम्बाई 165 मीटर ऊँचाई 13 मीटर एवं लागत 120.00 लाख हैं। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का कैचमेंट एरिया 36000 हेक्टेयर एवं जल भराव क्षेत्र 2000 हेक्टेयर हैं। यह खोखनिया नाला के मुख्य प्रवाह में पिलखा पहाड़ के मध्य में तीन पहाड़ो के बीच में बनाया गया हैं, जिसमें पानी का भराव लगभग 16.50 लाख क्यूबिक मीटर हैं। उक्त वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के पानी से ग्राम पंचायत पण्डोनगर, मदनपुर, अजबनगर, कमलपुर एवं पहाड़गांव के कृषि भूमि सिंचित हो रहे हैं।
बांध की सुरक्षा हेतु समिति का गठन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की सुरक्षा हेतु प्राप्त निर्देशानुसार ग्राम पंचायत-पहाड़गांव, कमलपुर, मदनपुर, अजबनगर, पण्डोनगर, गोपालपुर एवं करतमा के ग्रामीणों की बैठक सरपंचो एवं उपवनमण्डलाधिकारी सूरजपुर व वन अमले के द्वारा लिया जाकर आवश्यक सुझावों पर चर्चा किया गया एवं पिलखा पाठ देव समिति का गठन किया गया जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष एवं सदस्यों का चुनाव किया गया एवं उन्हें वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की सुरक्षा, साफ-सफाई एवं देखरेख की जिम्मेदारी दी गई। साथ ही बांध पर आने वाले पर्यटकों की जानकारी भी संधारित करने हेतु चर्चा किया गया। डीएफओ ने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के नजदीकी ग्राम पंचायत- पहाड़गांव, कमलपुर, मदनपुर, अजबनगर, पण्डोनगर, गोपालपुर एवं करतमा के भू-जल स्तर में लगभग 30 से.मी. की वृद्धि हुई है, जिससे कुआं नलकूप एवं बोरवेल जिनमें माह दिसम्बर के बाद जलस्तर में कमी हो जाता था उनके जल का स्तर बढ़ गया हैं।
वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर में ग्राम पंडोनगर एवं पहाड़गांव के ग्रामीणों द्वारा मत्स्य पालन कार्य किया जा रहा हैं। भू-जल स्तर में वृद्धि होने के कारण पुनरूत्पादन एवं वनौषधियों में बढ़ोतरी पाया गया हैं। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर निर्मित हो जाने से पिलखा पहाड़ के सुंदरता में वृद्धि हुआ हैं, जिसके कारण पर्यटन केन्द्र बन गया है। सरगुजा कमिश्नर डॉ. संजय कुमार अलंग ने बेहतर कार्य योजना बनाकर सिंचित एवं जलस्तर बढ़ाने, पर्यटन के रूप में विकसित करने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।