छत्तीसगढ़

सूरजपुर : नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी एवं गोधन न्याय योजना महिलाओं एवं ग्रामीणों के लिये साबित हुआ वरदान

Nilmani Pal
10 Sep 2021 3:59 PM GMT
सूरजपुर : नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी एवं गोधन न्याय योजना महिलाओं एवं ग्रामीणों के लिये साबित हुआ वरदान
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सूरजपुर। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री राहुल देव के मार्गदर्शन में जिला सूरजपुर अन्तर्गत ग्राम पंचायत खड़गवाकलां जनपद प्रतापपुर में छ.ग. शासन के महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी एवं गोधन न्याय योजना के तहत गौठान निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया। सरपंच एवं ग्रामीणों के रूचि को देखते हुए खड़गवांकला गौठान को आदर्श गौठान के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। गौठान और चारागाह लगभग 21 एकड़ में बनाया गया है, जिसमें उस गांव की महिलाओं ने समूहो से जुड़ कर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है। गौठान निर्माण से पूर्व खड़गवाकलां के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के पास आजीविका का कोई साधन नही था। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक जागृति की मिसाल है। जिसकी रोशनी से ग्रामीण महिलाओं को आगे बढ़ने का संबल और हौसला मिला है और वे आत्मनिर्भर बन रही है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने जहां चाह वहां राह इस उक्ति को चरितार्थ कर दिखाया है। यह समूह महिलाओं को स्वालंबंन की दिशा में आगे ले जा रहा है।

गौठान में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी कर उसे वर्मी खाद बनाना प्रारम्भ कराया गया, जिसके लिये 31 नग वर्मी बेड का निर्माण कराया गया। साथ ही समूहो को उक्त कार्य हेतु प्रशिक्षण दिला कर कार्य कराया जा रहा है। मल्टीएक्टीविटी सेन्टर के रुप में मशरूम शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड, बटेर शेड, मछली टैंक निर्माण कराया जा रहा है। शासन की फ्लैगशिप योजना नरूवा, गरूवा, घुरवा बाड़ी अंतर्गत सामुदायिक बाड़ियों का निर्माण किया गया है। शासन की महत्वपूर्ण योजना अंतर्गत सामुदायिक बाड़ी का निर्माण उद्यानिकी विभाग के सहयोग से स्वयं सहायता समूह द्वारा वर्तमान में 6 एकड़ में बाड़ी निर्माण कराया गया है। अभी तक समूह की महिलाओं द्वारा बाड़ी से लगभग 50000 रूपये एवं वर्मी खाद को बेच कर लगभग 3 लाख रूपये की आमदनी अर्जित किया गया है।

वर्तमान में बाड़ी विकास कार्य मंे पपीता व केला के पौधे के साथ, लगभग 1 एकड़ में अदरक, 1 एकड़ में हल्दी, 2 एकड में मक्का व 1 एकड़ में टमाटर, 0.50 एकड़ मे गेंदा का फूल लगाया गया है। मशरूम शेड में 1000 बैग लगाकर मशरूम उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन 5-7 किलोग्राम मशरूम का उत्पादन हो रहा है। बकरी शेड़ में 27 नग बकरी रखा गया है। मछली टैंक में 25000 मछली बीज डाला गया है। मुर्गी व बटेर शेड़ पूर्ण होते ही मुर्गी पालन व बटेर पालन प्रारम्भ किया जाएगा। उक्त सभी कार्याे से स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को अधिक से अधिक आय अर्जित हो रहा है।

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