छत्तीसगढ़

सूरजपुर : जीवनोपयोगी वृक्ष बरगद, पीपल,नीम और आम से सजेंगे कृष्णकुंज

Nilmani Pal
19 Aug 2022 9:50 AM GMT
सूरजपुर : जीवनोपयोगी वृक्ष बरगद, पीपल,नीम और आम से सजेंगे कृष्णकुंज
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सूरजपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों में कृष्ण कुंज विकसित किए जाएंगे। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 19 अगस्त को बरगद, पीपल, नीम, आम, गुलर, बेल, आवंला, सीताफल, इमली, गंगा इमली, जामुन और कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण किया गया। कृष्ण कुंज योजना का शुभारंभ मुख्य अतिथि सरगुजा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रेम नगर विधायक श्री खेलसाय सिंह ने कृष्ण कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूजा अर्चना कर, मटकी फोड़ कर कृष्ण कुंज का शुभारंभ किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि श्री खेलसाय सिंह ,कलेक्टर सुश्री इफ्फत आरा, पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, डीएफओ श्री संजय यादव, पार्षद श्री विरेंद्र बंसल, प्रतिनिधि गण एवं गणमान्य नागरिकों ने कृष्ण कुंज में विभिन्न प्रकार के पौधा रोपित किया। मुख्य अतिथि श्री खेलसाय ने कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी एवं इस भव्य कार्यक्रम की सराहना करते हुए करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा अनुसार कृष्ण कुंज का शुभारंभ किया जा रहा है जो पर्यावरण संरक्षण के साथ विभिन्न प्रकार के पौधों की उपयोगिता एवं संस्कृतिक महत्व के पहचान के लिए कृष्ण कुंज वाटिका हमारे लिए लाभदायक होगा। उन्होंने विभिन्न प्रकार के रोपित पौधों को संरक्षण करने कहा। कृष्ण कुंज के विकास होने पर आसानी से घूम फिर सकेंगे। उन्होंने कृष्ण कुंज वाटिका में लाइट की व्यवस्था किए जाने के लिए आश्वस्त किया।

कलेक्टर इफ्फत आरा ने शासन की महत्वकांक्षी कृष्ण कुंज योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना हमारी संस्कृति परंपरा एवं रीति रिवाज पर आधारित है। कृष्ण कुंज में लगाए गए हर पौधे का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इसका लाभ सभी को मिलेगा जो आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण धरोहर होगी। कृष्ण-कुंज सभी नगरीय निकायों में वृक्षारोपण एवं संरक्षण की संयुक्त पहल है। वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने और विशिष्ट पहचान के रूप में सृजित करने के उद्देश्य से इसे कृष्ण-कुंज नाम दिया गया है। कृष्ण-कुंज में ऐसे सांस्कृतिक महत्व के वृक्षों का रोपण प्रस्तावित है, जो स्थानीय परम्परा से सम्बंधित और जीवनोपयोगी है। कृष्ण-कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने और राज्य भर में एकरूपता प्रदर्शित करने के लिए बाउंड्रीवाल गेट व कृष्ण कुंज का लोगो प्रदर्शित किया गया है, जिसे देखने मात्र से हमर छत्तीसगढ़ की अस्मिता जीवंत हो उठती है। पुलिस श्री रामकृष्ण साहू ने कहा कि कृष्ण भगवान का आज ही के दिन जन्म हुआ और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संस्कृति एवं परंपरा रीति रिवाज की पहचान दिलाने के लिए कृष्ण कुंज योजना का शुभारंभ कर रही है जो हमारे लिए लाभदायक होगा। इसी तरह मंचासीन सभी अतिथियों ने कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी एवं कृष्ण कुंज योजना की सराहना कर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद ज्ञापन किया।

निर्माण किये गये कृष्ण कुंज में कुल 33 प्रकार के पौधों का रोपण किया गया है। यहॉं सांस्कृतिक महत्व के बरगद 144, पीपल 194, कदम्ब 491 एवं जीवनोपयोगी आम 400, ईमली 375, गंगा ईमली 40, जामुन 226, सहतुत 20, अनार 10, गुलर 17, नीम 605, पलास 10, अमरूद 320, सीताफल 160, बेल 130, आंवला 205, बहेरा 20, शीषम 20, चंदन 28, काजू 30, कटहल 335, महुआ 50, कचनार 30, गुलमोहर 10, अषोक 20, नारियल 15, अमलतास 205, पीला बांस 25, कियोकरपस 25, सुपाड़ी पाप 10, साल 20, सीता अशोक 30 एवं 30 अर्जुन के पौधों का रोपण किया गया हैं, इसके लिये राज्य शासन द्वारा डिजाईन के अनुरूप पूरे कुंज के मध्य में कृष्ण वट की भी स्थापना की जायेगी, इसमें चारों ओर फेसिंग का निर्माण किया गया हैं, इसके अवलोकन हेतु आवश्यकता अनुसार पाथवे का निर्माण किया गया हैं।

वृक्षों का संरक्षण ही मुख्य उद्देश्य -

कृष्ण कुंज का मुख्य उद्देश्य जीवनोपयोगी एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण वृक्षों को उपनगरीय क्षेत्रो में संरक्षित किया जा सके ताकि आने वाली पीढ़ियों को वृक्षों के साथ इन वृक्षों के सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व के प्रति भी लोगों को जागरूक करते हुये उन्हें वृक्षारोपण के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।

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