रायपुर जिले की सुलोचना दीदी, आराधना स्व सहायता समूह से जुड़ कर बनी आत्मनिर्भर
रायपुर. जिले के अभनपुर विकासखंड के ग्राम भेलवाडीह की श्रीमती सुलोचना दीवान कहती हैं की वे अब आराधना स्व सहायता समूह से जुड़ कर आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर हैं। उन्होंने बताया कि समूह से जुड़ने से उन्हें कई आवश्यक बातों की जानकारी मिली। समूह से जुड़कर दीदियों के बीच बैठना, एक दूसरे की समस्याओं पर चर्चा करना एवं उसका समाधान खोजना, आत्मनिर्भर बनना, स्वयं के व्यवसाय तथा आने वाली समस्याओं का समाधान कैसे हो इस पर विचार करना आदि बातों से उसे जीवन में कुछ कर गुजरने का साहस मिला।
श्रीमती सुलोचना ने बताया कि आराधना स्व सहायता समूह का गठन वर्ष 2017 में किया गया था। वर्तमान में वे इस समूह की सचिव भी हैं। उनके समूह में कुल 10 सदस्य हैं तथा वे स्थानीय जरूरत के अनुरूप किराया भंडार चलाने का कार्य करते हैं। अर्जित आय में समूह के सभी सदस्यों का समान अधिकार है। जरूरत के हिसाब से समूह की कोई भी सदस्य समूह से ऋण भी ले सकती है।
सुलोचना दीदी ने बताया कि समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने समूह के कार्य के साथ ही जूता चप्पल विक्रय का कार्य भी प्रारंभ कर दिया है। स्वयं का व्यवसाय करने के लिए उन्होंने समूह एवं बैंक से ऋण भी लिया है। उन्होंने बताया कि जरूरत के हिसाब से उन्होंने ऊपरवारा के सेंट्रल बैंक से एक लाख पहलीबार एवं दूसरी बार 2 लाख रुपए का ऋण भी लिया है जिसका नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि रायपुर के थोक मार्केट से जूता चप्पल खरीद कर स्थानीय बाजारों में बेचती हैं। पहले आस-पास के गांव में लगने वाले बाजारों में तथा पैदल घूम घूम कर विक्रय कार्य करती थी। वे बताती है कि अच्छी आय अर्जित होने पर वे अब स्कूटी खरीद कर स्कूटी से बाजार जाती हैं। जूते चप्पल के विक्रय कार्य से उन्हें रोजाना चार सौ रुपए से 5 सौ रुपए का आय अर्जित हो जाता है।
उन्होंने बताया कि जो आय अर्जित हुआ है,उसका उपयोग उन्होंने पक्का मकान निर्माण कार्य में लगाया है। साथ ही बचत राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई लिखाई तथा परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति में करते हैं। समूह से जुड़ने के पूर्व उनकी आर्थिक स्थिति अचछी नही थी। इस तरह से उसका परिवार स्व सहायता समूह से जुड़ने से खुशहाली पूर्वक जीवन यापन करने लगा है।