छत्तीसगढ़

सौर ऊर्जा से धान और सब्जी की फसल से हो रही पर्याप्त आमदनी

Nilmani Pal
21 Sep 2021 11:15 AM GMT
सौर ऊर्जा से धान और सब्जी की फसल से हो रही पर्याप्त आमदनी
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रायपुर। विद्युत लाइन की उपलब्धता पर निर्भर रहे बिना तथा सौर की निःशुल्क सर्व सुलभ उर्जा का उपयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा के दायरे में लाने के लिए 'सौर सुजला योजना' संचालित है। सौर उर्जा का उपयोग करने वाले प्रगतिशील किसानों में से एक रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के गांव कलई के किसान श्री अरविंद लोधी भी शामिल है। पुश्तैनी जमीन पर वर्षों से खेती कर रहे श्री लोधी पूरी तरह बारिश पर ही निर्भर रहते थे। गांव के आस-पास पानी का कोई स्थायी स्रोत भी नहीं था और न ही सिंचाई का कोई अन्य साधन। इस कारण श्री लोधी के खेतों में बहुत कम पैदावार हो रही थी। लगभग 5 एकड़ के अच्छे समतल खेत होने के बावजूद उनके लिए खेती घाटे का सौदा बन चुकी थी। वह अपनी खेती से केवल गुजारा लायक धान पैदावार कर रहे थे। उन्होंने कई बार सिंचाई के लिए कई विकल्प खोजने का प्रयास किया, लेकिन हर बार धन की कमी ही आड़े आ रही थी। ऐसी कठिन परिस्थितियों में सौर सिंचाई योजना ने श्री लोधी के जीवन में नई खुशहाली लेकर आई।

उन्हें अधिकारियों से सौर सिंचाई योजना और अनुदान की जानकारी मिली। इसके लिए उन्होंने क्रेडा में आवेदन किया। कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूर्ण करते ही श्री लोधी को अपने खेतों में सौर सिंचाई योजना के उपकरण स्थापित करने के लिए 95 प्रतिशत अनुदान दिया गया। सरकारी अनुदान से उनके खेतों की सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का प्रबंध हो गया। अब उन्हें अपने खेतों के लिए बारिश या पानी की चिंता करने की आवश्यकता नहीं। श्री लोधी अब प्रति एकड़ 25 से 30 क्विंटल तक धान की पैदावार लेते है। वे रबी फसल में 3 एकड़ में धान तथा 2 एकड़ में सब्जीवर्गीय फसल लेते है। सब्जी की फसल से साल भर की घरेलू खर्च चलने लायक आमदनी हो जाती है। अब उन्हें पानी की कमी और सिंचाई की कमी से छुटकारा मिला है।

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