छत्तीसगढ़

रायपुर में पहली बार हुई हाइब्रिड टेवार की सफल सर्जरी

Nilmani Pal
25 Feb 2023 12:05 PM GMT
रायपुर में पहली बार हुई हाइब्रिड टेवार की सफल सर्जरी
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रायपुर। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर के डॉ. प्रशांत पोटे इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट एवं उनकी टीम के डाक्टर्स द्वारा रायपुर में पहली बार हाइब्रिड टेवार (थोरेसिक एंडोवस्कुलर एओरटिक रिपेयर) की सफल सर्जरी की गई। एक माह पहले एक युवति, अपनी छाती व पीठ में दर्द की समस्या के इलाज के लिये डॉ. प्रशांत पोटे से मिली। उस समय उसका टाकायासु अर्टाराइटिस नाम की बीमारी का इलाज चल रहा था। इस बीमारी मे रक्त धमनियाँ सकरी व अवरोधित हो जाती हैं। यह बीमारी मस्तिष्क को रक्त भेजने वाली मुख्य धमनी, पैर एवं हाथों को प्रभावित करती है। मरीज का सीटी एंजियोग्राफी करने पर डाक्टर्स द्वारा उसमें एओरटिक डिसेक्शन पाया गया। इस डिसेक्शन की स्थिति में एओरटा (हृदय से निकलने वाली मुख्य सबसे बड़ी धमनी) में विभाजन हो जाता है।

यह स्थिति प्राणों के लिये घातक होती है तथा इस पर तुरन्त ध्यान दिया जाना जरूरी होता है। इस केस मे एक गंभीर समस्या यह भी थी कि एओरटिक डिवाइस को एओरटा तक पहॅुंचने के लिये कोई जगह नहीं थी क्योकि इस बीमारी के कारण दोनो पैरो एवं हाथो की धमनियाँ बाधित हो चुकी थी। इस स्थिति मे डाक्टर्स द्वारा, एबडामेन खोलकर, एओरटिक डिवाइस एक बड़ी धमनी में प्रवेश कराकर, इसका उपयोग किया गया। हाइब्रिड टेवार (टीईवीएआर) की विधी में, मेन ओटी मे इलियकआर्टरी मे नली बनाई गई, फिर मरीज को केथलेब में ले जाया गया, जहाँ एंडोवस्कुलर स्टेंट को ग्राफ्ट कर, एबडोमेन को बंद किया गया। मरीज कुछ समय मे ही आसानी से स्वस्थ्य हो गई, उसे दो दिनों बाद हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। अब मरीज नियमित रूप से डाक्टर्स की देखभाल में है तथा अच्छी स्थिति मे है। डॉ. प्रकाश पोटे ने बताया कि यह विधी, भलीभांति समझ के साथ, डाक्टर्स की टीम की उत्कृष्ट कोशिश से संभव है, जैसा कि रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के डाक्टर्स की टीम ने प्रदर्शित किया। इस सर्जरी में उन्हे डॉ. विनोद आहूजा (सीटीवीएस सर्जन) डॉ. हर्ष जैन (यूरोसर्जन) तथा ओटी और एनीस्थिया की टीम का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। इस केस में, यह भी बात सामने आई कि इंटर डिपार्टमेंट की परस्पर सहयोग, इस प्रकार की क्लिनिकल सक्सेस में बहुत महत्वपूर्ण होता है।

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