छत्तीसगढ़

सफलता की कहानी: पहाड़ी कोरवाओं को भी मिल रहा है न्याय योजना का लाभ

Shantanu Roy
29 Nov 2022 3:28 PM GMT
सफलता की कहानी: पहाड़ी कोरवाओं को भी मिल रहा है न्याय योजना का लाभ
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छग
रायपुर। जशपुर अंचल के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों को भी न्याया योजनाओं का लाभ मिल रहा है। कलेक्टर जशपुर द्वारा ली गई विडियों कॉन्फ्रेंसिग में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना से लाभान्वित मसरी एवं रूपन राम ने बताया कि उन्हें दो किस्तों में दो-दो हजार राशि प्राप्त हुई है। अब तक दोनों हितग्राहियों के खाते में 4-4 हजार रुपए मिल है। यह राशि उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम आ रही है। पहाड़ी कोरवा विशेष विछड़ी जनजाति से ताल्लुक रखने वाले मसरी और रूपन राम बगीचा विकासखण्ड में क्रमशः ग्राम कुरूमढोड़ा और गासेबध के रहने वाले है। इन्हें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन योजना के तहत् दो किश्तों में दो-दो हजार रूपए की राशि मिली है। इन लोगों का कहना है कि यह योजना वाकई में गरीबों के लिए अच्छी योजना है। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मसरी और रूपन राम ने बताया कि उन्हें उचित मूल्य दुकान के माध्यम से हर माह राशन नियमित रूप से मिल रहा है।
उनका बैंक खाता भी खोला गया है, इस खाते के माध्यम से उन्हें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याया योजना के तहत् राशि मिली है। मसरी ने बताया कि उनके पिता लुबरी को वृद्धावस्था पेंशन का भी लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार रूपन राम ने बताया कि उन्हें गांव में ही मनरेगा के तहत् रोजगार मिल रहा है। वे हर माह उचित मूल्य की दुकान से राशन का उठाव करते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन श्रमिक परिवार के तहत पात्र हितग्राहियों की संख्या 04 लाख 66 हजार है। इनमें से प्रत्येक हितग्राही को 07 हजार रूपए की वार्षिक सहायता दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में योजना के हितग्राहियों को 02 किस्तों में 221.88 करोड़ रूपए दिए गए हैं। इस योजना से लाभान्वित होने के लिए हितग्राहियों को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए और साथ ही संबंधित परिवार के पास कृषि भूमि भी नहीं होनी चाहिए। इसके अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक और राज्य के आदिवासी अंचलों में देव स्थलों पर पूजा करने वाले, मांझी, चालकी, गायता, सिरहा, बैगा गुनिया, पुजारी, हाट पहरिया, बाजा मोहरिंया इत्यादि को हितग्राहियों के अंतर्गत शामिल किया गया है।
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