छत्तीसगढ़

जज बने हिमांशु की सफलता की कहानी

Nilmani Pal
18 Dec 2024 6:58 AM GMT
जज बने हिमांशु की सफलता की कहानी
x

रायपुर। 'जज नहीं है, झूठ बोल रहे हैं।' जैसे ताने सुनने के बाद दूसरी बार में परीक्षा पास कर कुनकुरी जशपुर के हिमांशु पंडा जज बन गए हैं। हिमांशु पहली बार जब जज बने तब पीएससी और हाईकोर्ट के नियमों में मतभेद होने के कारण उनकी नियुक्ति विवादित हो गईं। आज भी मामला हाईकोर्ट में लंबित हैं। उनका विवाह भी नियमों के फेर में उलझ गया था।

पिछले दिनों छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी-2023) ने सिविल जज परीक्षा के परिणाम जारी किए थे। इसमें हिमांशु की 18वीं रैंक आई थी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ पत्नी शिवांगी सिंह को दिया है। उन्होंने बताया कि जज की परीक्षा में चयन होने के बाद भिलाई की शिवांगी से वर्ष 2021 में उनकी शादी तय हो गई थी। सब लोगों को बताया गया कि लड़का जज है। लेकिन सगाई होने के बाद डेढ़ साल तक शादी नहीं हुई। तब नाते-रिश्तेदारों ने ताना मारना शुरू कर दिया।

कहते थे- 'जब जज बन गया है तो सगाई के इतने दिनों बाद भी शादी क्यों नहीं हुई। जज नहीं है, झूठ बोल रहे हैं।' हिमांशु ने कहा कि अंतरजातीय विवाह के चलते लोग ज्यादा मजा ले रहे थे। लोगों की बातों को दरकिनार कर शिवांगी ने मेरी काबिलियत पर भरोसा किया। एक फील्ड के होने के कारण तैयारी करने में मदद करवाई।

Next Story