छत्तीसगढ़

संघर्ष से ही मिलती है सफलता: ' संघर्ष करना सीखो ' विषय पर प्रेरणास्पद चर्चा

Admin2
3 Oct 2020 2:30 PM GMT
संघर्ष से ही मिलती है सफलता:  संघर्ष करना सीखो  विषय पर प्रेरणास्पद चर्चा
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रायपुर। हमें असफलता से कभी हारना नहीं चाहिए लगातार प्रयास करना चाहिए। हारते वह है जो प्रयास करना छोड़ देते हैं। मै भी कई बार असफल होने के बाद सफल बना। इस आशय के विचार आज "संघर्ष करना सीखो" विषय पर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित वेबीनार में रायपुर के अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विनीत नंदनवार ने व्यक्त किए। प्रदेश के तीन हजार से भी अधिक लोगो ने उन्हें सुना। उन्होंने रायपुर, बस्तर व सरगुजा संभाग के बच्चों से सीधा संवाद कर उनके प्रश्नों के जवाब भी दिए। उल्लेखनीय है कि जिस बस्तर हाईस्कूल में उन्होंने पढ़ाई की वहां के शिक्षकों और बच्चों ने उनसे ऑनलाईन बातचीत की, तो दोनों तरफ का वातावरण खुशनुमां हो गया।

विद्यार्थियों के साथ प्रेरक चर्चा में नंदनवार ने बताया कि उनका जन्म जगदलपुर में हुआ और बस्तर हाईस्कूल से प्रारंभिक शिक्षा एवं धरमपुरा कॉलेज में स्नातक हिन्दी माध्यम से हुई। सेंटबोरिस का अर्थ सरकारी स्कूल के चटाई में बैठकर पढ़ाई की। वर्ष 2004 में शिक्षाकर्मी के साक्षात्कार में फेल हो गए। उन्होंने कहा कि असफला से हम कभी हारते नहीं है, हारते वह है जो प्रयास करना छोड़ देते है। सफल व्यक्ति आंतरिक रूप से हमेशा प्रेरित होते रहते है। किसी भी सफलता के लिए मार्गदर्शक होना आवश्यक है। एक रास्ता बंद हो जाए तो दूसरी, फिर तीसरी योजना में कार्य करना चाहिए। तीन बार आईएएस की परीक्षा में फेल हुए, फिर भी लगातार पाँच वर्षों से लगातार दस-बारह घंटे पढ़ाई किया फिर वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस बने।

उन्होंने बताया कि सफलता के लिए सपने देखना होगा, बशर्ते सपने शेख चिल्ली जैसे न देखे। धैर्य बनाकर सही समय, सही दिशा में सार्थक प्रयास से सफलता अवश्य हासिल होगी। सतत् रूप से पढ़ाई करें। सुबह के समय दिमाग सबसे सक्रिय रहता है सुबह के समय पढ़ाई करें। अपने सबसे अच्छा समय का उपयोग करें। सतत् रूप से एक कार्य को लगातार न करें जबकि संघर्ष विराम फिर संघर्ष के सूत्र पर कार्य करें। विषय की समझ नहीं, विषय की स्पष्ट समझ विकसित करें। दस किताब पढ़ने के स्थान पर एक किताब को दस बार पढ़े, क्या पढ़ना आवश्यक और क्या छोड़ना है इसे आवश्यकता के आधार पर प्राथमिकता प्रदान करें। रात में अथवा सुबह दिनभर के समय के लिए कार्ययोजना बनाएं फिर शाम को उसका आत्म मूल्यांकन करें। गलतियों को सुधारियें, गलतियों को बार बार न दोहराएं।

स्टेट मीडिया सेंटर के नोडल अधिकारी प्रशांत पाण्डेय ने वेबीनार का संचालन किया। शिक्षा सलाहकार सत्यराज अय्यर ने बच्चों से साक्षात्कार कराया। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के उप सचिव जे. के. अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन किया।

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