सटोरिए भी सक्रिय, रवि, आसिफ व मुनाब गैंग को खुली छूट
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी के हर गली-मोहल्ले में नशे का तगड़ा नेटवर्क खड़ा हो गया है। इस तोडऩे सेल ने 238 तस्करों और सप्लायरों की सूची तैयार की थी मगर इनकी धर-पकड़ नहीं हो पाई। पिछले साल शहर के 32 थानों में नशे के तस्करों के खिलाफ 184 केस दर्ज किए गए थे। उनसे 2.11 करोड़ की नशीली दवा और ड्रग्स जब्त किया गया था। इस साल भी बड़े पैमाने पर गांजे और अन्य ड्रग की तस्करी के कई मामले सामने आए। राजधानी में ज्यादातर अंतरराज्जीय व वाहरी तस्कर पकड़े गए। लोकल गेंग व उसके गुर्गों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
राजधानी में नशा सप्लाई का कॉरीडोर
गांजा: गांजा मुख्यत: ओडिशा से आ रहा है। बस्तर और महासमुंद ही गांजा तस्करों का रूट है।
नशीली दवाइयां: नशीली दवाइयां ओडिशा, महाराष्ट्र और आंध्रा से यहां सप्लाई हो रही है।
ड्रग्स: ड्रग्स की तस्करी महाराष्ट्र और गोवा से होती है। दिल्ली से भी ड्रग्स आने लगे हैं।
अफीम: पं. बंगाल व असम से अफीम की तस्करी हो रही है। ट्रक वाले बड़े सप्लायर हैं।
चरस : चरस बंगाल, पंजाब-झारखंड से आता है। ज्यादातर ट्रक और ट्रेन से तस्करी हो रही है।
नशे की चेन को तोड़ेंगे : आला अफसरों ने वारदातों की समीक्षा के बाद ही नारकोटिक्स सेल बनाने का फैसला किया ताकि आसानी से युवाओं तक पहुंच रहे नशे की चेन को तोड़ा जा सके। उसके बाद ही आईजी आनंद छाबड़ा के निर्देश पर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने नारकोटिक्स सेल का गठन किया। सेल की टीम तुरंत ही एक्शन में आ गई है। पुराने तस्करों की सूची तैयार की जा रही है। पुरानी फाइलें फिर से खोली गई है। पिछले साल 184 केस दर्ज किए थे। इस दौरान पकड़े गए तस्करों अभी कहां हैं? ये पता लगाया जा रहा है। कार्रवाई के दौरान जो फरार हो गए थे, अब नए सिरे से उनकी भी खोजबीन शुरू कर दी गई है।
महासमुंद पुलिस की बड़ी कार्रवाई
13 लाख का गांजा जब्त
कोमाखान। प्रदेश के सीमावर्ती राज्य ओडिशा से मादक पदार्थ गांजा के परिवहन की सूचना पर कोमाखान थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक वाहन में 13 लाख रुपए कीमत के 65 किलोग्राम गांजा जब्त कर 01 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
सटोरियों-खाइवालों पर भी कार्रवाई सुस्त पड़ी
राजधानी में सट्टे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सटोरियों और खाईवालों के खिलाफ पुलिस की यदा-कदा चलने वाला अभियान महज खाना पूर्ति ही होती है। पुलिस गुर्गों पर कार्रवाई कर यह जताने की कोशिश करती है कि वह अवैध गतिविधियों और कारोबारों को रोकने सख्त है लेकिन वास्तविकता यही है कि सटोरियों-खाईवालों और अन्य अवैध कारोबारों को संचालित करने वालों और छुटभैय्ये नेताओं के दम पर ही थानों की रोजमर्रे की जरूरतें पुरी होती हैं ऐसे में सट्टा, जुआ व नशे के अवैध कारोबारियों पर पुलिस की हर कार्रवाई सिर्फ दिखावे की होती है जिसमें सरगना पर आंच आना तो दूर गुर्गे भी कार्रवाई के चंद घंटे बाद फिर से अपने धंधे में सक्रिय हो जाते है। राजधानी का सट्टा किंग मुंबई के गैंगस्टर्स के नक्शे-कदम पर चलकर अपना तगड़ा नेटवर्क बनाकर शहर के भीतरी और आउटर के मोहल्लों में सट्टा लिखने के लिए गुर्गों को तैनात कर रखा है। राजनीतिक और पुलिसिया संरक्षण में सट्टा-जुआ और गांजा, अवैध शराब का धंधा चलाने वाले रवि साहू, आसिफ, सलीम, देव, अन्ना और अनिल आलू के ठीहे आज भी बिना किसी खौफ और रोक-टोक के चल रहे हैं। जहां रोज लाखों के सट्टापट्टी लिखे जाते हैं।
रविसाहू के गुर्गे सक्रिय : सूत्र बताते है कि रवि साहू ने नेताओं के नाम फायदा उठाकर लंबा चौड़ा कारोबार फैला रखा है। बड़े-बड़े दांव की काईवाली कर रहा है। गोलबाजार बंजारी मंदिर में एक परमानेंट ठिहा रविसाहू ने बना रखा है, जहां छोड़े-बड़े सटोरिए जुटते है। और बड़े-बड़े दांव और पुलिस से सेटिंग के रास्ते निकालने के पैंतरे निकालते है। काली बाड़ी में तो रवि साहू का एकतरफा सट्टा दौड़ रहा है। थाना प्रभारी से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान होने के बाद भी रवि के राजनीतिक संरक्षकों के निर्देश से पुलिस हाथ खींच रही है। जिसके कारण रवि साहू को कारोबार दिन दुनी रात चौगुनी बढ़ते जा रहा है।
कालीबाड़ी राजधानी का नया सट्टा हब बना
कालीबाड़ी क्षेत्र के लोगों का सुबह-शाम ओपन-क्लोज, पत्ती नंबर के शोर शराबे से जीना मुहाल हो गया है। शौर्य पेट्रोल पंप के सामने नाले के के पीछे बस्ती से लेकर सिद्धार्थ चौक, भाटागांव रोड, बूढ़ा पारा के आसपास के क्षेत्र,मारवाड़ी श्माशान घाट के आसपास की बस्ती, पुजारी पार्क, टिकरापारा क्षेत्र मेंं रविसाहू का खुला खेल फर्रूखाबादी चल रहा है। बड़े-बड़े नेताओं के साथ संपर्क बताकर उनके नाम से पुलिस को भी चकमा दे रहा है । काली बाड़ी के रहवासियों ने कई बार कलेक्टर, एसपी को लिखित में शिकायत की है कि क्षेत्र में सट्टा चलने के कारण आए दिन लड़ाई झगड़ा गैंगवार की स्थिति निर्मित हो जाती है। जिससे मोहल्ले वालों का जीना मुहाल हो गया है। उसके बाद भी पुलिस के कोई ठोस कदम नहीं उठाने का मामला लोगों के समझ में नहीं आ रहा है।
इन इलाकों के गली-गली में हैं सट्टा-पट्टी लिखने वाले : राजधानी के बीचोबीच महिला थाना गार्डन, नया वस टर्मिनल, चंगोराभाटा, भाठागांव, सेजबहार, मठपुरैना, मुजगहन, चौरसिया कालोनी, संतोषीनगर, टिकरापारा, नेहरूनगर, संजयनगर, कालीबाड़ी, पुरानीबस्ती, ब्रम्हपुरी, बुढ़ा तालाब गार्डन, पुरानी बस्ती, कुकुरबेड़ा, मोतीनगर, समता कालोनी, रामनगर, स्टेशन रोड जैसे इलाकों में इन सटोरियों ने अपने गुर्गे तैनात कर रखे है जिनके बदौलत कई घरों में सट्टापट्टी लिखने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। वही अनिल आलू के गुर्गे कटोरातालाब और आसपास के इलाकों में अपने अड्डे चला रहे हैं।
आनलाइन सट्टा चलाने वाला गिरोह का भांडाफोड़, 7 सटोरिए गिरफ्तार
बिलासपुर के तोरवा क्षेत्र के बूटापारा से जिले में आनलाइन सट्टा संचालित किया जा रहा था। इसका मुख्य आरोपित दुर्ग में बैठकर पूरे गैंग को आपरेट कर रहा था। सूचना पर पुलिस और एसीसीयू की टीम ने मौके पर दबिश देकर दो लाख 47 हजार स्र्पये नकद, छह लैपटाप, 10 मोबाइल जब्त किया गया है। बूटापारा के एक मकान से आनलाइन सट्टा चलाने की जानकारी मिली। इस पर पुलिस और एसीसीयू की टीम ने मौके पर दबिश देकर युगल साहू(26) निवासी जरहागांव बजारपारा, चंदन साहू(26) निवासी धरमपुरा जिला मुंगेली और हेमराज निषाद(24) निवासी ग्राम अरसी थाना बोरी जिला दुर्ग को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से लैपटाप और मोबाइल जब्त किया। पूछताछ में इनके सरगना युगल ने बताया कि दुर्ग जिले के ग्राम लिटिया में रहने वाले मनीष सोनवानी(23) ने उन्हें सट्टा चलाने के लिए लैपटाप और आइडी दिया है। मनीष दुर्ग में आनलाइन सट्टा चलाता है। इसके अलावा वह अन्य युवकों से भी सट्टे का काम कराता है। इस पर पुलिस की टीम ने दुर्ग में दबिश देकर आरोपित मनीष को गिरफ्तार किया। उससे मिली जानकारी के आधार पर चिरंजीव निषाद(22) निवासी दबलघोर थाना बेरला जिला बेमेतरा, अनिल कुमार निषाद(24) निवासी ग्राम अरसी जिला दुर्ग व खोमलाल वर्मा(19) निवासी ग्राम लिटिया जिला दुर्ग को पकड़ लिया। आरोपित युवकों के कब्जे से दो लाख 47 हजार स्र्पये नकद, छह लैपटाप, 10 मोबाइल जब्त किया गया है। उनके खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। बैंक में जमा रकम सीज कराने लिखा गया पत्र तोरवा थाना प्रभारी फैजुल शाह ने बताया कि मुख्य आरोपित मनीष से बैंक खातों की भी जानकारी ली गई है। उसके एक अकाउंट में एक लाख पांच हजार स्र्पये जमा है। इसे सीज कराने के लिए बैंक प्रबंधन को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा उसके अन्य अकाउंट की भी जानकारी जुटाई जा रही है। इससे उसके गैंग से जुड़े लोगों की जानकारी मिल सकेगी।