छत्तीसगढ़

मेडिकल भर्ती के लिए बनेंगे कड़े नियम

Admin2
22 Nov 2020 4:33 AM GMT
मेडिकल भर्ती के लिए बनेंगे कड़े नियम
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फर्जीवाड़ा रोकने को बनेंगे कड़े नियम

रायपुर(जसेरि रिपोर्टर)। प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए चयनित छात्रों से नीट कन्फर्मेशन फॉर्म की स्वयं सत्यापित प्रतिलिपि जमा कराई जाएगी। मूल निवासी प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए जाने की स्थिति में कलेक्टरों को सर्टिफिकेट भेजकर समय सीमा में सत्यापित कराया जाए। फर्जी निवास प्रमाण-पत्र होने पर अभ्यर्थियों के साथ ही उनके पालकों के खिलाफ एफआईआर की अनुशंसा की जाएगी। राज्य में मेडिकल की सीटों पर फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कड़े नियम बनाने पर आम सहमति बनी है। शनिवार को संचालक चिकित्सा शिक्षा डा. आरके सिंह से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों और नीट चयनित छात्रों के पालकों की बैठक हुई। समस्याओं को देखते हुए मूल निवासी प्रमाण पत्र सत्यापित न होने की दशा में पालकों और चयनित छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया स्वीकृत करने का आग्रह शासन से किया गया है। राज्य के मूल निवासियों के हित संरक्षण के लिए मूल निवासी प्रमाण पत्र संबंधित कानूनी कमियों को दूर करने के लिए राज्य शासन से एक कोर कमेटी गठित करने का आग्रह करने की भी बात कही गई। प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में नीट चयनित छात्रों से नीट कन्फर्मेशन फार्म की स्वयं सत्यापित प्रतिलिपि आवश्यक रूप से जमा कराने, इस फार्म को आवश्यक रूप से पहले से ही सुरक्षित रखने के निर्देश नीट परीक्षार्थियों को दिए जाते हैं।


भराए जा रहे शपथ पत्र


बैठक में बताया गया कि चयनित सभी छात्रों से मूल निवासी प्रमाण पत्र की सत्यता संबंधित शपथ पत्र भरवाए जाने की प्रक्रिया चिकित्सा महाविद्यालय स्तर पर शुरू कर दी गई है। सभी अधिष्ठाताओं से कहा गया है कि मूल निवासी प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए जाने की अवस्था में संबंधित जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मूल निवासी प्रमाण पत्र को समय सीमा के भीतर सत्यापित कराए जाने की प्रक्रिया संपन्न कराई जाए।जिन छात्रों ने प्रथम चरण में प्रवेश लिया है, उन्हें कालेजों के अधिष्ठाता को उनकी अधिकृत मेल आइडी से सत्यापित प्रतिलिपि भेजनी होगी। चयनित सभी छात्रों से मूल निवासी प्रमाण पत्र की सत्यता संबंधित शपथ पत्र भराए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। मूल निवासी प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए जाने की अवस्था में संबंधित जिला प्रशासन को पत्र को समय सीमा के भीतर सत्यापित कराना आवश्यक है। शासन की ओर से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को नीट परीक्षार्थी के रूप में राज्य की प्रथम पात्रता चयनित छात्रों की सूची बनाने की बता कही गई है, ताकि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। यह सभी बिंदुओं को राज्य शासन से स्वीकृति लेकर अमल में लाया जाएगा। बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से डा. महेश सिन्हा, डा. राकेश गुप्ता, डा. अनिल जैन, पालकों की ओर से डा. रूपल पुरोहित, डा. राजेंद्र बिसेन, डा. कुलदीप सोलंकी उपस्थित थे। संचालक चिकित्सा शिक्षा डा. आरके सिंह, डा. निर्मल वर्मा, काउंसिलिंग कमेटी के अध्यक्ष डा. विनीत जैन, डा, जितेंद्र तिवारी, डा. डॉक्टर बसंत महेश्वरी आदि उपस्थित थे।

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