छत्तीसगढ़

मंदिरहसौद में पकड़ाया गुटखे का जखीरा

Nilmani Pal
31 May 2023 5:28 AM GMT
मंदिरहसौद में पकड़ाया गुटखे का जखीरा
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बाहर से बंद फैक्ट्री में खाद्य विभाग की दबिश, नकली होने का शक

खाद्य विभाग का छापा पड़ते ही सुपरवायजर और ठेकेदार भागे

छग में प्रतिबंध के बावजुद गुटखा का बड़ा कारोबार पान ठेले-गली मोहोल्ले में वेरोक टोक बिक रहा

छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में खुले आम चल रहा अवेध गुटखा का कारोबार

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। मंदिरहसौद विधानसभा बाइपास में मंगलवार की रात खाद्य विभाग ने एक गोदाम में छापा मारकर 1 करोड़ से ज्यादा का गुटखा पकड़ा है। उसे माणिकचंद और सितार के पाउच में पैक किया जा रहा था। खाद्य विभाग के अफसरों को गुटखा नकली होने का शक है। छापा पड़ते ही वहां के सुपरवायजर और बाकी जिम्मेदार भाग निकले। केवल पैकिंग करने वाले कर्मचारी ही पकड़े गए।

खाद्य विभाग की टीम को नकली गुटखा पैकिंग कर बाजार में बेचे जाने की खबर थी। मुखबिर की सूचना के बाद खाद्य अफसरों की टीम ने मंगलवार की रात छापेमारी की। गोदाम में तीन दर्जन से ज्यादा बोरों में गुटखा और खाली पाऊच मिला। गोदाम के एक हिस्से में गुटखा बनाने का रॉ मटेरियल मिला है। वहीं मिक्चर मशीन भी रखी थी। पाऊच पैक करने वाली मशीन को भी एक हिस्से में रखा गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रॉ मटेरियल को गोदाम में मिक्स कर उसे पाऊच में पैक किया जा रहा था। गोदाम के बाहर किसी तरह का साइन बोर्ड नहीं लगा है। इस वजह से माना जा रहा है कि नकली गुटखा ब्रांडेड कंपनी के पाऊच में पैक करके बाजार में सप्लाई किया जा रहा था। अधिकारियों के मुताबिक यहां बड़ी मात्रा में सैकड़ों बंडल जर्दा युक्त गुटखा और उसे बनाने वाला सामान, सुपारी और पाउच जब्त किए गए है. इसे बनाने के लिए यहां रखी गई 23 मशीनों को भी अधिकारियों ने जब्त कर लिया है. अधिकारियों को ऐसा अनुमान है कि यहां लंबे समय से नकली गुटखा बनाने का काम चल रहा था.

रोज सप्लाई होता था 35-40लाख का गुटखा

अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री में करीब 40 मजदूर काम करते हुए मिले है. ये सभी मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले है. उनसे पूछताछ में पता चला है कि रोजाना करीब 300-400 बोरा माल वे बनाकर सप्लाई करते थे. प्रति बोरे में जाने वाले गुटखा करीब 10 हजार रूपए को होता था. मजदूरों ने अधिकारियों को बताया कि वे रात 10 बजे का बाद काम शुरू करते थे और सुबह में ये फैक्ट्री बंद रहती थी और यहां से गुटखा सप्लाई का काम सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच ही होता था.

फैक्ट्री दुर्ग के कारोबारी का बताई जा रही

ये फैक्ट्री दुर्ग के किसी गुरमुख जुमनानी नाम के व्यक्ति की बताई जा रही है. हैरानी की बात ये है कि यहां टीम को एक वसीम खान नाम का सुपरवाइजर भी इन्हें मिला. इतना ही नहीं इन मजदूरों को फैक्ट्री में अंदर बंद कर के ये पूरा काम कराया जाता था और ये वहां से सुबह के वक्त भी बाहर नहीं निकलते थे. टीम जब छापा मारने पहुंची तब लेबर गेट के अंदर बंद थे और पुलिस के आने के बाद ताला तोड़कर टीम छापा मारने के लिए अंदर पहुंची. यहां से सीजी 07 सीएल 9474 नंबर की एक ट्रक भी मिली है, जिससे माल सप्लाई किया जाता था.

मिलावटी दवा का हो चुका है भंडाफोड़

रायपुर में करीब दो महीने पहले 5 करोड़ से ज्यादा की मिलावटी दवा का जखीरा पकड़ा गया था। उस समय ड्रग विभाग की टीम ने रायपुर, सिमगा और बलौदाबाजार के अलग-अलग ठिकानों में छापेमारी कर ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं का स्टाफ जब्त किया था, जिसमें ऐलोपैथी दवाएं मिलाकर उन्हें दर्द निवारक बताकर बेचा जा रहा था। इस रैकेट के तार इंदौर तक फैले हुए थे। खाद्य विभाग की टीम ने रायपुर और सिमगा में दुकान संचालकों को पकड़ लिया, लेकिन इंदौर में जहां से नकली दवा यहां भेजी जा रही थी वहां किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी। खाद्य विभाग की टीम जब वहां पहुंची तब तक गोदाम और दुकान सब को खाली कर दिया गया था।

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