तीन साल बाद आधा दर्जन रेत घाटों के लिए जारी हुआ टेंडर
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। प्रदेश में रेत के खेल का मामला बहुत पुराना है, यहां अखाड़ेबाजों की ही चलती है। जो बिना खदान खरीदे,राज्यसरकार की अनुमति के बिना पीट पास के रेत खदानों से रेत चोरी करके डंप कर रखा है। बाजार में उपभोक्ताओं को मनमाने दरों पर बेच रहे है। रेत माफियाओं ने ट्रकों से नदी के किनारे को इतना खोद लिया है कि वह खाई रेत माफिया और अधिकारियों की मिली भगत की कहानी पर आंसू बहा रहा है। जिले में रेत घाटों का अनुबंध खत्म होने के बाद अब नए सिरे से इन घाटों को ठेके पर देने के लिए टेंडर निकाल दिया गया है। जिला खनिज विभाग द्वारा अब तक छह रेत घाटों के लिए टेंडर निकाला गया है। दो टेंडर में तीन-तीन रेत घाटों को शामिल किया गया है। अब इन घाटों को ठेके पर लेने के इच्छुक लोग आवेदन कर सकेंगे। इस बार रेत घाटों की संख्या बढ़ाने की दिशा में भी काम चल रहा है। ऐसे में आम लोगों को सस्ती कीमत पर रेत मिलने की भी संभावना है।
दोनों टेंडर के लिए आवेदन की अलग-अलग तारीख
खनिज विभाग ने रेत घाट के लिए पहला टेंडर कुरूद, कुम्हारी एवं लखना घाट के लिए निकाला है। इसके लिए आवेदन करने की तारीख 24 से 30 जनवरी निर्धारित की गई है। दूसरा टेंडर पारागांव, कागदेही एवं हरदीडीह के लिए निकाला गया है। इसके लिए आवेदन करने की तारीख 1 से 6 फरवरी निर्धारित है।
तीन साल बाद हुआ टेंडर
वर्ष 2019 के बाद से रेत घाटों के लिए नया टेंडर नहीं निकाला गया था। अनुबंध खत्म होने के तीन साल बाद टेंडर निकाला जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार पिछली बार सात घाट ही ठेके पर दिए गए थे, लेकिन नए साल में 16 घाट ठेके पर देने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए विभाग द्वारा गूगल मैप के जरिए नई जगहों को चिन्हांकित भी किया जा रहा है।
पहले चरण में पुराने घाटों का टेंडर
विभागीय अधिकारियों के अनुसार पहले चरण में पुराने घाटों को टेंडर पर दिया जाएगा। इसीलिए शुरुआत पुराने घाटों का टेंडर निकालने से की गई। पुराने घाट में तीन और घाट हैं, जिनमें से पिछली बार एक घाट का टेंडर नहीं निकाला गया था। दूसरे घाट का ठेका बारिश का पानी भरने के कारण निरस्त किया गया था। इस तरह पहले चरण में इन तीन घाटों के लिए भी जल्द ही टेंडर निकालने की संभावना है।
रेत माफियाओं ने अपने खेतों पर कर रखा रेत डंप
रेत माफिया अपनी दबंगई से अधिकारियों के आंखों हरियाली का चश्मा पहना दिया है, माफियाओं ने अपने खेत में रेत डंप किया हुआ है जो लोगों को तो दिखाई दे रहा है लेकिन अधिकारियों को बिलकुल भी दिखाई नहीं दे रहा है। कंस्ट्रक्शन बाजार में इन दबंग रेत माफियाओं का पूरी तरह होल्ड है। खनिज विभाग चाह कर भी रेत के दाम को नियंत्रित कर पा रहा और न ही उन पर कोई कार्रवाई कर पा रहा है। पूरी तरह मामला सिंडिकेट की तरह अबाधगति से चल रहा है।
इस बार ज्यादा से ज्यादा रेत घाट ठेके पर देने की कोशिश की जा रही है। घाट ज्यादा होंगे तो सभी को आसानी से रेत उपलब्ध हो सकेगी और रेत की कीमतों में भी कमी देखने को मिलेगी, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी।
केके गोलघाटे, उपसंचालक, खनिज विभाग