छत्तीसगढ़

सीएम के फरमान से मनमानी कर रहे निजी अस्पतालों में हड़कंप

Admin2
9 May 2021 6:48 AM GMT
सीएम के फरमान से मनमानी कर रहे निजी अस्पतालों में हड़कंप
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व्यवस्था सुधारने में जुटे हॉस्पिटल

'जनता से रिश्ता' की मुहिम रंग लाई

रायपुर (जसेरि)। भीषण कोरोना महामारी के दौर में भी मरोजों को लूट रहे निजी अस्पताल पर नजर रखने सीएम के फरमान और जनता से रिश्ता द्वारा लगातार ऐसे अस्पतालों की मनमानियों और लूट की खबर को लोगों के सामने लाने की मुहिम का असर दिखने लगा है। अस्पतालों द्वारा मरीजों से निर्धारित दर से कई गुना ज्यादा फीस वसूलने और सुविधाएं नहीं देने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री ने अफसरों को ऐसे अस्पतालों पर नजर रखने और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दरअसल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सरकारी दर तय होने के बाद भी निजी अस्पताल वाले बेड चार्ज, मेडिसीन और डॉक्टर के चार्ज के नाम पर मनमाना फीस वसूल रहे हैं। कुछ अस्पताल फीस नहीं दे सकने की स्थिति में शव रोकने जैसा कुत्सित कार्य कर रहे हैं लेकिन प्रशासन कार्रवाई के बजाय टालमटोल में लगा है। जनता से रिश्ता की रिपोर्ट के बाद हेल्थ विभाग ने संबंधित अस्पताल को नोटिस देकर 14 के लिए कोविड मरीजों का अस्पताल में भर्ती को बैन किया है। सरकार भी निजी अस्पतालों की लूट और मनमानी रोकने कोई कारगर कदम उठाने में नाकाम है परिणाम स्वरूप लोग लूट रहे हैं। राजधानी के कई अस्पतालों में भारी भरकम फीस लेने और इलाज के नाम पर सुविधा नहीं देने की कई शिकायते मिली है। वहीं अस्पतालों की जांच को लेकर भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में तालमेल का अभाव दिख रहा है। कलेक्टर जहां अस्पतालों की जांच की बात कर रहे हैं वही सीएमएचओ इसे असंभव बता रही हैं।

अस्पतालों में हड़कंप : मुख्यमंत्री के फरमान और जनता से रिश्ता की रिपोर्ट के बाद मनमानी करने वाले अस्पतालों में हड़कंप है। इसका असर यह हुआ है कि कुछ अस्पताल वालों ने वाजिब फीस लेनी शुरू कर दी है तो कुछ ने सुविधाओं को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है वहीं जिन अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं वे अब अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने से बच रहे हैं।

कलेक्टर ने भी अस्पतालों की जांच के निर्देश दिए हैं हालाकि स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों की जांच कर पाना असंभव बताया है। इससे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बीच तालमेल का अभाव भी नजर आ रहा है जिसका फायदा निजी अस्पताल वाले उठा रहे हैं।

अब तक इन पर हुई कार्रवाई : इधर, पैसे के लिए कोरोना से मृत व्यक्ति के शव रोकने और गलत बिलिंग कर राशि वसूलने की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने बांठिया अस्पताल को नोटिस थमाया था। विभाग ने बताया कि इलाज के दौरान भर्ती मरीज के स्वजनों से अस्पताल 6.50 लाख रुपये ले चुका था। उसकी मृत्य के बाद 70 हजार रुपये बकाया होने की बात करते हुए शव को अस्पताल द्वारा रोका गया था। दोषी पाते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल का लाइसेंस 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। वहीं, मोवा स्थिति श्री बालाजी अस्पताल ने ऑनलाइन पोर्टल पर कोरोना मरीजों के लिए 23 ऑक्सीजन बिस्तर खाली होने की बात कही थी।

जबकि पीडि़तों द्वारा फोन करने पर बिस्तर खाली नहीं होने बताया गया। हेरीटेज अस्पताल द्वारा आनलाइन पोर्टल में 25 ऑक्सीजन बिस्तर खाली होने की जानकारी दी थी। जबकि काल करने पर अस्पताल प्रबंधन इससे मुकर गया। इसकी शिकायत पर विभाग ने अस्पताल को नोटिस दिया था। जिस पर दोनों अस्पतालों ने तकनीकी और व्यवहारिक त्रुटि बताते हुए माफी मांगी है। जिसपर स्वास्थ्य विभाग द्वारा समझाइश दी गई है। कमल विहार स्थित राम किरन अस्पताल को भी निर्धारित दर से अधिक फीस लेने पर नोटिस दिया गया है। अधिकारियों ने बताया प्राइवेट अस्पतालों में इलाज में लापरवाही, अधिक बिल को लेकर शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। आयुष्मान और खूबचंद बघेल योजना के तहत गरीबों के लिए 20 फीसदी बेड आरक्षित नहीं करने वाले अस्पतालों को भी नोटिस दिया गया है।।

आयुष्मान के तहत कोविड के लिए बिस्तर के आरक्षण में कठिनाई : आईएमए

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टर खूबचंद बघेल और आयुष्मान जन आरोग्य योजना द्वारा कारण बताओ नोटिस के ऊपर कई प्रश्न चिह्न लगाए हैं। आईएमए पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों के लगभग छोटे बड़े सभी प्राइवेट अस्पतालों में 50 फीसद कोविड- मरीजों के लिए आरक्षण किए जाने के कारण कोविड मिश्रित अस्पतालों में मरीज आने से डर रहे हैं, क्योंकि ऐसे अस्पतालों में पहले से मरीजों को राष्ट्रीय स्तर पर अस्पतालों के लिए दर्शाई गई गाइडलाइन के अनुसार अलग अलग रखे जाने की व्यवस्था नहीं के बराबर है।

छत्तीसगढ़ के कुल जिलों से कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा अस्पताल संचालकों को डराने धमकाने और अस्पताल बंद कर देने की धमकी की शिकायतें इन दिनों आम हो चली हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने ऐसी धमकियों का संबंधित अधिकारियों से कड़ा प्रतिरोध भी किया है। आईएमए ने बयान में कहा कि सभी अस्पतालों में 20 फीसद बिस्तर आयुष्मान और डॉक्टर खूबचंद बघेल योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे के मरीजों के लिए आरक्षित किए जाने से कठिनाइयां बढ़ रही हैं। अलग से 20 फीसद बिस्तर खाली रखना प्रायोगिक नहीं है, क्योंकि आपातकालीन मरीजों के लिए यह अन्याय पूर्ण स्थिति होगी। सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नोटिस पहुंचने से अस्पतालों में सभी प्रकार के मरीजों को इलाज करने में अचानक ब्रेक लग सकता है। इस प्रकार के नीतिगत निर्णय लेने से पहले बेहतर होता कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों एवं एसोसिएशन को विश्वास में लेकर एक पारदर्शी नीति बनाते ताकि युक्तिसंगत रास्ता निकाला जा सकता है।

रेमडेसिविर बेचते दवा दुकान का कर्मी गिरफ्तार, ग्राहक बनकर पुलिस ने पकड़ा

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते 1 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक सूचना प्राप्त हुई कि रंजीत कुमार भोई नामक व्यक्ति द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रहीं है। सूचना को पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा गंभीरता से लेते हुये सायबर सेल की टीम को आरोपी की पतासाजी कर रंगे हाथ पकडऩे निर्देशित किया गया। जिस पर सायबर सेल की टीम द्वारा रंजीत कुमार भोई के संबंध में पतासाजी कर तस्दीक किया गया तथा टीम का एक सदस्य ग्राहक बनकर रंजीत कुमार भोई से संपर्क कर रेमडेसिविर इंजेक्शन को 8,000/- रूपये में क्रय करने का सौदा तय किया। जिस पर रंजीत कुमार भोई द्वारा टीम के सदस्य को थाना मौदहापारा क्षेत्र में इंजेक्शन देने हेतु बुलाया गया। जिस पर सायबर सेल की टीम द्वारा आरोपी को पकडऩे हेतु ट्रैप पार्टी लगाया गया तथा टीम का एक सदस्य जिससे सौदा तय हुआ था, रूपये लेकर रंजीत कुमार भोई से इंजेक्शन क्रय कर रहा था इसी दौरान टीम के अन्य सदस्यों द्वारा आरोपी रंजीत कुमार भोई को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते रंगे हाथ पकड़ा गया।

आरोपी रंजीत कुमार भोई मौदहापारा क्षेत्रांतर्गत न्यू मेडि़कल काम्पलेक्स स्थित एक मेडि़कल दुकान में काम करता है। सायबर सेल की टीम द्वारा औषधि विभाग की टीम को बुलाकर आरोपी की निशानदेही पर उसके कब्जे से 04 नग रेमडेसिविर इंजेक्शन जप्त कराया गया। जिस पर औषधि विभाग की टीम द्वारा आरोपी के विरूद्ध औषधि अधिनियम के तहत् कार्यवाही करने के साथ ही पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध थाना मौदहापारा में पृथक से प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत् भी कार्रवाई की गई।

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