रायपुर। 8 वर्ष की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में रायपुर फार्स्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी सौतेले पिता अर्जुन पाल को मृत्युपर्यन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि ये मामला 5 जून का है जब दोपहर 1 बजे बच्ची अपने कमरे में सो रही थी तब अचानक उसके कमरे में जाकर उसने बच्ची के साथ वारदात को अंजाम दिया। इस मामले में तेलीबांधा थाना पुलिस ने बच्ची की मेडिकल जांच कराई बच्ची अस्पताल में भर्ती थी जैसे ही बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया उसके बाद मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 पाक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर मामले में आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया था। कोरोनाकाल के चलते कोर्ट बंद था जिसके बाद 14 जुलाई को ये मामला रायपुर फार्स्ट ट्रैक कोर्ट में गया इस मामले में ट्रायल चल रहा था। तेलीबांधा पुलिस ने 5 दिनों के भीतर चालान पेश किया। और आज 22 जुलाई को प्रथम फार्स्ट ट्रैक कोर्ट की अधिकारी एडीजे शुभ्रा पचौरी की कोर्ट ने मृत्युपर्यन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी अर्जुन पाल पर आईपीसी की धारा 376 AB, 376 (2) (च), 376 (2) (ढ), 376 (2) (ड), 377 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5 का दोषी मानते हुए उसे मृत्युपर्यन्त आजीवन कारावास की सजा हुई।