रायपुर। छत्तीसगढ़ में मचा सियासी घमासान की चर्चा पूरे देशभर में है. इस बीच मंत्री टीएस सिंहदेव के कार्यालय से बयान जारी किया गया है. जिसमे कहा गया है, कि टीएस सिंह देव के मंत्री पद से इस्तीफा देने की खबरें बिल्कुल झूठी और निराधार हैं। उनके खिलाफ अफवाह फैलाई जा रही है।
ये भी पढ़े - छत्तीसगढ़ से दिल्ली गए यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पेगासस और तेल की बढ़ी कीमतों को लेकर प्रदर्शन के दौरान छत्तीसगढ़ में चल रही सियासी घमासान को सतह पर ला दिया है। राहुल गांधी की मौजूदगी में हुए इस प्रदर्शन में यूथ कांग्रेस के नेताओं ने सिर्फ अपने नेताओं भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के जि़दाबाद के नारे नहीं लगाए. 'छत्तीसगढ़ डोल रहा हैÓ के नारे भी लगाए। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में जो सियासी खींचतान मची है उसका असर दिल्ली के इस प्रदर्शन में दिखा है। राजनीतिक पे्रक्षकों का कहना है कि 'छत्तीसगढ़ डोल रहा है..Ó नारा टीएस सिंहदेव खेमे के शक्ति प्रदर्शन का नमूना था। कुछ राजनीतिक प्रेक्षक इसे आलाकमान पर दबाव की राजनीति से जोड़ रहे हैं। गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के दौरान टीएस-बृहस्पति प्रकरण से टीएस की नाराजग़ी खुलकर सामने आई. इसके बाद उनकी भूपेश बघेल के साथ दूरियां बढ़ी थीं। दिल्ली में मीडिया को दिए इंटरव्यूह में टीएस सिंहदेव ने ढाई-ढाई साल की बात को बंद कमरे की चर्चा करार दिया लेकिन उन्होंने इसे खारिज़ नहीं किया। पीएल पुनिया ने ढाई साल के किसी फॉर्मूले की चर्चा में नहीं होने की बात कहकर इस चर्चा को विराम दिया था, लेकिन उसके फौरन बाद प्रदर्शन और नारेबाज़ी ने इस चर्चा को फिर से गरमाने की कोशिश की गई है। टीएस सिंहदेव के समर्थक इस मुद्दे को गरम रखना चाह रहे हैं। संगठन खेमे के नेता छत्तीसगढ़ की अस्थिरता को लेकर लगाए गए नारे से नाराज़ बताए जा रहे हैं। इस बात को लेकर भी आश्चर्य जाहिर किया जा रहा है कि ये नारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास और प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी की मौजूदगी में लगे और दोनों खामोश रहे।
बाबा समर्थकों की नारेबाज़ी का वीडियो : 'छत्तीसगढ़ डोल रहा है, बाबा-बाबा बोल रहा हैÓ नारे लगाने वाला वीडियो गुरुवार को खूब वायरल हुआ। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी का कहना है कि किसी ने नारा लगा दिया है। उन्हें इसकी जानकारी वीडियो देखकर ही मिली। दिल्ली के यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन में टीएस सिंहदेव के भतीजे आदित्येश्वर सिंहदेव भी शामिल हुए। उनकी एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास और प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी के साथ बैठे हैं। ये पहला मौका है जब आदितेश्वर सिंहदेव यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम में दिखे हैं। दूसरी तरफ भूपेश बघेल के समर्थक महेंद्र गंगोत्री, देवेंद्र यादव और आकाश शर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वहां गए थे। इन लोगों ने भी अपनी ताकत संख्याबल और नारेबाज़ी के साथ दिखाई।
प्रदर्शन को किसकी इजाजत : दिल्ली में यूथ कांग्रेस ने संसद घेराव और प्रदर्शन का कार्यक्रम तय किया था और इसमें सभी राज्य इकाई को भी शामिल होने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इस प्रदर्शन की आखिर इजाजत किसने दी थी। युथ कांग्रेस के इस प्रदर्शन को राहुल गांधी ने भी संबोधित किया। बावजूद प्रदर्शन में अपने ही नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की घटना किसी सुनियोजित षडयंत्र हो सकती है। हाईकमान को इसके पीछे कौन लोग है इसका पड़ताल करना चाहिए।
पहली बार मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी हुई। दिल्ली में आयोजित प्रदर्शन में युथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे नेता के समर्थन में नारेबाजी की। प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ एक सोची समझी रणनीति के तहत यह ड्रामा प्लान किया गया और माहौल बनाने की कोशिश की गई कि प्रदेश में लोग नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं। यह पूरी तरह से अनुशाहीनता का मामला है जिस पर हाईकमान को लेकर यूथ कांग्रेस के पदाधिकारियों से जवाब मांगा जाना चाहिए। यह भी पड़ताल किया जाना चाहिए कि यह सुनियोजित तो नहीं था, अगर है तो इसके पीछे आखिर कौन है इसका पता लगाया जाना चाहिए।
अनुशासनहीनता, जिम्मेदार पर हो कार्रवाई
इस पूरे घटना क्रम पर यूथ कांग्रेस के सचिव प्रवीण कल्ला का कहना है कि ये सुनियोजित घटना है। जो अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। वीडियो के शुरु में ये तमाम लोग कोको पाढी और टीएस सिंहदेव के जि़दाबाद के नारे लगा रहे थे। उसके बाद सबने छत्तीसगढ़ डोल रहा है, पर नारे लगाए। सूत्रों के मुताबिक दोनों खेमे के बीच में राहुल गांधी के आने से पहले नारे से आज़माइश होते हुए झूमाझटकी की नौबत आ गई थी। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। कांग्रेस के बड़े नेता भी इस पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ राजनीतिक प्रेक्षक यह भी कह रहे हैं कि प्रदर्शन के दौरान इन कार्यकर्ताओं को ढाल बनाकर जिसने भी अपना हित साधने की कोशिश की उसका परिणाम इन कार्यकर्ताओं को ही भुगतना पड़ेगा।
Reports of TS Singh Deo resigning from his ministerial post are absolutely false and baseless. Rumours are being spread against him: Office of Chhattisgarh Health Minister TS Singh Deo
— ANI (@ANI) August 7, 2021
(File photo) pic.twitter.com/sRV468cMhT