छत्तीसगढ़
मेकाहारा के नेत्र विभाग में मरीजों को मिल रहीं अत्याधुनिक उपचार सुविधाएं
Shantanu Roy
11 Jan 2023 12:47 PM GMT

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छग
रायपुर। डाॅ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के नेत्र विभाग के बाह्य रोगी विभाग (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट/ओपीडी) में प्रतिदिन 150 से 200 मरीज अपना उपचार कराने पहुंच रहे हैं। नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में नेत्र सम्बन्धित सामान्य एवं गंभीर बीमारियों के लिए अत्याधुनिक उपचार सुविधा उपलब्ध है। मरीजों के नेत्र रोग से सम्बन्धित ऑपरेशन-सर्जरी में भी निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रतिदिन औसतन 20 से 30 मरीजों की सफलतापूर्वक सर्जरी की जा रही है। नेत्र रोग विभाग में मोतियाबिंद के अलावा अन्य जटिल ऑपरेशन जैसे रेटिना, ग्लूकोमा एवं कार्निया के ऑपरेशन के साथ-साथ बच्चों के आंखों से सम्बन्धित सर्जरी सफलतापूर्वक किये जा रहे हैं। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों को काला चश्मा भी निशुल्क दिया जाता है।
नेत्ररोग विभाग में वर्तमान में अत्याधुनिक मशीन उपलब्ध है जिससे मरीजों के आंखों का इलाज सफलतापूर्वक किया जा रहा है। आधुनिक एवं नवीनतम नेत्र उपचार के उपकरणों में फंडस इमेजिंग कैमरा, बी स्कैन विद यूबीम, याग लेजर, डबल फ्रीक्वेंसी ग्रीन लेज़र विद स्लिट लैम्प आईएलओ, ऑप्थेल्मिक बायोमेट्री, आटो रिफ्रैक्टर, ओसीटी मशीन, ए स्कैन, किरैटोमीटर इत्यादि मशीन उपलब्ध है। इन मशीनों की सहायता से नेत्ररोग विभाग में आंखों की जटिल से जटिल बीमारियों के इलाज हेतु विषय विशेषज्ञ की उपलब्धता है जो सप्ताह के सातों दिन ओपीडी में इलाज के लिए उपलब्ध रहते हैं। मरीजों के जांच एवं उपचार की व्यवस्था के तीन चरण हैं:- ओपीडी में जांच एवं इलाज, ओपीडी से आईपीडी में भर्ती की प्रक्रिया, आईपीडी से सर्जरी-ऑपरेशन की प्रक्रिया। इनके अलावा यदि कोई भी आपातकालीन दुर्घटना का शिकार होता है तो चौबीस घंटे आपातकालीन चिकित्सा उपलब्ध है।
शासन की स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत मरीजों के नेत्र रोग उपचार की निशुल्क व्यवस्था है। विभाग के विशेषज्ञों द्वारा साप्ताहिक रूप से जिला अस्पताल एवं अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भी सेवाएं दी जा रही हैं एवं वहां के जटिल मरीजों का इलाज एवं ऑपरेशन हेतु विभाग में लाया जाता है। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. (प्रो.) निधि पांडे ने बताया नेत्र रोग विभाग में उपचार हेतु आने वाले मरीजों को एक ही छत के नीचे बेहतर से बेहतर उपचार सुविधाएं दी जा रहीं हैं। विभाग में ओपीडी, आईपीडी की सुविधा उपलब्ध है। अम्बेडकर अस्पताल के ओपीडी यूनिट में द्वितीय तल (सेकंड फ्लोर) के कक्ष क्रमांक 231 में बाह्य रोगी विभाग/ओपीडी की सुविधा उपलब्ध है। हर एक मरीज की आवश्यकतानुसार जांच की जाती है एवं ऑपरेशन के योग्य मरीज को डॉक्टर द्वारा अंतः रोगी विभाग/आईपीडी में भर्ती हेतु निर्देशित किया जाता है। आईपीडी के अंतर्गत मरीज को वार्ड क्रमांक 15 एवं 16 में भर्ती कर उसके सर्जरी/ऑपरेशन की योजना बनाई जाती है तथा ऑपरेशन के पूर्व मरीज के खून से संबंधित जांच एवं अन्य जांच के आधार पर ऑपरेशन के लिए फिटनेस रिपोर्ट तैयार किया जाता है।
यदि मरीज ऑपरेशन के लिए शारीरिक रूप से फिट है तो ही उसका ऑपरेशन किया जाता है अन्यथा अनफिट है तो उसके फिट होने का इंतजार किया जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी मरीज को मधुमेह की समस्या है और उसको मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाना है तो जब तक उसका शुगर सामान्य स्तर पर नहीं आएगा तब तक उसका ऑपरेशन नहीं किया जाएगा। इसी तरह मरीज को खांसी, अस्थमा है या ऑपरेशन टेबल पर उसके दिल की धड़कन या ब्लड प्रेशर बढ़ गया हो तब भी उसका ऑपरेशन नहीं किया जाएगा। कहने का तात्पर्य है कि कोई भी मरीज जब तक ऑपरेशन के लायक पूर्ण रूप से फिट नहीं हो जाता तब तक उसका ऑपरेशन नहीं किया जाता है। नेत्र रोग से पीड़ित कोई भी मरीज ओपीडी में आता है तो यहां नेत्र से संबंधित विशेषज्ञों की टीम के साथ-साथ जांच एवं उपचार के लिए अत्याधुनिक मशीन एवं अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ है जिससे यहां बेहतर इलाज किया जाता है।
नेत्र रोग विभाग में आई बैंक की सुविधा उपलब्ध है जिसमें नेत्रदान से प्राप्त कार्निया को आई बैंक में लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है एवं कॉर्निया ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा सूची के मरीजों को लाभान्वित किया जाता है। नेत्रदान से प्राप्त कार्निया के जरिए मरीजों की आँखों की रौशनी पुनः प्राप्त की जा सकती है। विभिन्न कॉन्फ्रेंस में नेत्र रोग विभाग के कंसल्टेंट द्वारा पेपर प्रेजेंटेशन किया गया है एवं पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं। हाल ही में पटना में आयोजित ऑल इंडिया ऑप्थेल्मोलाॅजिकल सोसायटी की मिड टर्म कॉन्फ्रेंस में विभागाध्यक्ष नेत्र रोग विभाग को फैकल्टी टाॅक देने आमंत्रित किया गया था। वर्तमान में निरंतर पेपर पब्लिश किये जा रहे हैं। विभिन्न प्रोजेक्ट कार्य में रिसर्च कार्य जारी है। वर्तमान दिसंबर एवं जनवरी माह में स्टेट कॉन्फ्रेंस एवं आल इंडिया कॉन्फ्रेंस में पीजी छात्र-छात्राओं एवं कंसल्टेंट द्वारा पेपर प्रेजेंट किये गये हैं। विभाग के पीजी छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए नियमित रूप से कक्षाओं का आयोजन किया जाता है एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। विभाग में कॉन्फ्रेंस एवं सी.एम.ई. का आयोजन भी समय- समय पर किया जाता है।
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