छत्तीसगढ़

साक्षरता कार्यक्रम का फ्रेमवर्क बनाने राज्य स्तरीय कार्यशाला शुरू

jantaserishta.com
21 Oct 2021 4:04 PM GMT
साक्षरता कार्यक्रम का फ्रेमवर्क बनाने राज्य स्तरीय कार्यशाला शुरू
x

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में साक्षरता कार्यक्रम को लागू किए जाने और उसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक सशक्त फ्रेम वर्क तैयार किया जाना है। इस उद्देश्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में आगामी 10 वर्ष की कार्ययोजना के लिए स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किए जाने हेतु एससीईआरटी में आज दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को 5 समूह में विभाजित कर समूह कार्य दिया गया। इसमें प्रमुख रूप से 2030 तक साक्षरता कार्यक्रम किस प्रकार क्रियान्वित किया जाए, पर विशेष बल दिया गया। प्रमुख रूप से स्वयंसेवकों के कार्य, असाक्षरों के लिए प्रश्नावली निर्माण, बुनियादी साक्षरता, बुनियादी शिक्षा, कौशल विकास एवं सतत् शिक्षा से संबंधित बिन्दुओं पर समूह चर्चा करते हुए संबंधित समूह द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।

राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में चयनित शिक्षाविदों, जिला परियोजना अधिकारी, राज्य स्रोत सदस्य एवं साक्षरता व शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, उप संचालक श्री उमेश कुमार साहू, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक श्री प्रशांत पांडेय की उपस्थिति में कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए नोडल अधिकारी श्रीमती नीलम अरोरा ने स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क के तकनीकी पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। डीसीएल की नोडल अधिकारी श्रीमती प्रीति सिंह ने राज्य में साक्षरता कार्यक्रम को शत्-प्रतिशत सफल बनाने से संबंधित बिन्दुओं पर सुझाव दिए। नोडल अधिकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 डॉ. आलोक शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में पाठ्य-चर्चा और बॉटम से टॉप पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में डॉक्टर मनीष वत्स, एससीईआरटी के शिक्षाविद सहित नेहा शुक्ला, निधि अग्रवाल, कविता, महेश वर्मा, कविता आचार्य, विकास भदौरिया, धारा यादव आदि उपस्थित थे।

Next Story