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रायपुर। आईआरएडी (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) प्रोजेक्ट भारत सरकार के पुलिस सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक पहल है और इसे विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जाता है, जिसका उद्देश्य देश में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। एनआईसी और आई आई टी मद्रास संयुक्त रूप से अनुसंधान और विश्लेषण गतिविधियों के साथ-साथ आईआरएडी परियोजना के डिजाइन, विकास, प्रशिक्षण और कार्यान्वयन के लिए सौंपा गया है। छत्तीसगढ़ में पूरे जिले में इस प्रोजेक्ट की शुरुवात 1 जुलाई 2021 से संचालन और आईआरएडी ऐप ट्रेनिंग की शुरुवात हो चुकी है। आईआरएडी से जुड़े सभी विभागों के लिए सिंगल यूनिट प्लेटफार्म है जिसमे दुर्घटना की जानकारी आसानी से प्राप्त किया जाता है। देशभर में बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने तथा दुर्घटनाओं में नियंत्रण के उद्देश्य से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) तथा IIT मद्रास के सहयोग से IRAD (एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस) मोबाइल ऐप और वेब एप्लीकेशन तैयार किया है। इस एप्लीकेशन पर अपलोड किये गए डाटा संबंधित विभागों (पुलिस, परिवहन, हाईवे तथा स्वास्थ्य) के माध्यम से सड़क सुरक्षा की भावी कार्य योजनाओं के लिये अत्यंत उपयोगी होंगे। प्रदेश के विभिन्न मार्गों में दुर्घटनाओं के सही कारण मालूम होने से आवश्यक सुधारात्मक उपाय किये जाने से दुर्घटनाओं में कमी संभावित है। बुधवार 1 फरवरी को को आईआरएडी की वर्ष 2022 की समीक्षा की गई। इस बैठक का संचालन प्रदीप गुप्ता (एडीजी, रायपुर), आईआरएडी प्रोजेक्ट छ.ग. के नोडल ऑफिसर श्री संजय शर्मा (एआईजी ट्रैफिक, रायपुर), श्री सारांश शिर्के (स्टेट रोलआउट मैनेजर, रायपुर) द्वारा किया गया | इस सत्र में सभी विभाग के राज्य नोडल अधिकारी और सभी जिले के डिस्ट्रिक्ट रोल आउट मैनेजर भी उपस्थित थे|
एडीजीपी ट्रैफिक श्री प्रदीप गुप्ता के द्वारा पुलिस विभाग के विवेचको को आदेशित किया गया की इस ऐप का उपयोग सिर्फ दुर्घटना की जानकारी भरने अपितु इसका उपयोग कुछ नई सोच जो दुर्घटना को कम करने में मदद मिल सके और यह भी बताया गया की दुर्घटना सिर्फ तेज रफ़्तार वाहन चलने से नही होती, विवेचक जो स्थल में जाकर जानकारी लेते है वास्तविक जानकारी एकत्रित करे | इस सत्र में सड़क दुर्घटनाओं से जुडी विभिन्न प्रकार की जानकारी को एप्प के माध्यम से एकत्र करने तथा इसकी गुणवत्ता को बनाये रखने के बारे में जानकारी दिया, साथ ही यह भी बताया गया की सड़क दुर्घटनाओं के कारण जानने हेतु परिवहन, हाईवे तथा स्वास्थ्य विभाग को किस प्रकार उक्त सम्बन्ध में रिक्वेस्ट भेज कर जानकारी प्राप्त की जाए, जिससे किसी भी दुर्घटना के सभी कारकों की निकट सम्पूर्ण जानकारी से शासन को अवगत कराया जा सके, जिससे भविष्य में उक्त क्षेत्र में जरूरी कार्यात्मक सुधार किये जा सकेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार महत्वपूर्ण बिंदुओ पर ध्यान आकर्षित किया गया स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंट्री कम हो रही है और उसकी जानकारी समय पर पुलिस को आईआरएडी के माध्यम से सूचित नहीं किया जा रहा है। पुलिस विभाग द्वारा परिवहन एवं रोड एजेंसी को अनुरोध ना भेजे जाने से जानकारी अधूरी रह जाती है अत: हर मामले में ट्रांसपोर्ट एवं रोड एजेंसी को अनुरोध भेजा जाए। ट्रांसपोर्ट और रोड एजेंसियां समय पर कार्यवाही पूर्ण कर जांच रिपोर्ट को प्रस्तुत करें | जिससे दुर्घटना के व्यापक जानकारियां मिल सके | एनआईसी के अधिकारी द्वारा हर महीने की सारांशित दुर्घटना रिपोर्ट जिला सड़क सुरक्षा समिति को अवागत किया जाए। आईआरएडी मैप के माध्यम से ब्लैक स्पॉट लोकेशन को ध्यान रखकर उचित करवाही की जाए | बैठक के अंत में सभी जिलो के आईआरएडी के क्रियान्वन पर चर्चा की गई जिन जिलो का प्रदर्शन अच्छा था उनकी सरहाना की गई।
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Shantanu Roy
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