छत्तीसगढ़

प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदे राज्य सरकार - चंदेल

Nilmani Pal
30 Oct 2022 12:25 PM GMT
प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदे राज्य सरकार - चंदेल
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रायपुर। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने एक नवम्बर से घोषित धान खरीदी की व्यवस्थाओं को अपर्याप्त बताते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने भाजपा की लगातार मांग के दबाव में समय पर धान खरीदी की मुनादी तो पीट दी लेकिन सुव्यवस्थित तरीके से धान खरीदी का इंतजाम नहीं किया है। एक रोज बाद धान खरीदी शुरू होना है और सरकार इससे ज्यादा नृत्य उत्सव की तैयारी में व्यस्त है। जैसी गंभीरता नृत्य की तैयारी देखने में दिखाई जा रही है, वैसी गंभीरता धान खरीदी की व्यवस्था में नजर नहीं आ रही। सरकार प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी सुनिश्चित करें।

नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 1लाख 10 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। गत वर्ष की स्थिति हम सभी ने देखी है। पिछले साल राज्य सरकार की लापरवाही के कारण बारदाने को लेकर किसानों को परेशान किया गया, उसे किसान भूले नहीं हैं। इस साल भी धान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है। जिसकी वजह से इस बार भी किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सरकार गीले धान का बहाना बनाकर किसानों को निराश करती है। इस साल इस तरह की कोई बहानेबाजी भाजपा चलने नहीं देगी। किसान जो भी धान लेकर आयें, सरकार उसे खरीदें।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि जैसे तैसे धान खरीदी हो जाती है तो उसका परिवहन सलीके से नहीं होता। समय पर परिवहन नहीं होने के कारण धान सड़ जाता है। इसलिए खरीदी के फौरन बाद धान के परिवहन की व्यवस्था सुचारू रूप से की जाए। सरकार स्पष्ट करे कि धान खरीदी के लिए कितने शेड का निर्माण हुआ है और धान के रखरखाव की क्या व्यवस्था है? किसानों को टोकन के नाम पर परेशान किया जाता है। इस तरह की परेशानी बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई बारिश से कई किसानों का धान भीग गया है। सरकार इस बारे में क्या सोच रही है, यह भी स्पष्ट किया जाए। किसी भी हाल में किसान को नुकसान नहीं होना चाहिए। सरकार किसानों के लिए समुचित मुआवजे की व्यवस्था करे।

चंदेल ने कहा कि पिछले वर्ष गिरदावरी के माध्यम से किसानों का रकबा कम कर दिया गया था छोटे व मझले किसानों की जमीनों को विलुप्त कर दिया गया था यह किसानों के साथ अन्याय है यह नहीं होना चाहिए ।साथ ही उन्होंने सरकार से प्रश्न किया कि ऐसा कैसे होता है कि जितना उत्पादन होता है उतनी ही खरीदी सरकार करने का दावा करती है जबकि वह रकबा भी कम करती है एवं प्रति एकड़ केवल 15 क्विंटल ही धान खरीदती है सरकार के पास ऐसा कौन सा कैलकुलेटर है जो यह कैलकुलेट करता है जरा उसे जनता को बताएंगे।

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