
रायपुर(जसेरि)। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन से संबद्ध संगठनों ने शनिवार को बैठक कर अपनी अधूरी मांगो को लेकर एक बार फिर से चरणबद्ध आंदोलन शुरु करने का फैसला किया है। इसके तहत 12 जनवरी को जिला, तहसील, विकासखंडों में मौलिक अधिकार रैली निकालकर मुख्य सचिव, कलेक्टर व एसडीएम के माध्यम से सीएम को मांग पत्र भेजेंगे। इसमें 14त्न डीए, 7वें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा की मांगे शामिल होंगी। ये मांगें मंजूर न हुई तो 28-29 जनवरी को आंदोलन करेगें। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा एवं प्रमुख प्रवक्ता विजय कुमार झा, प्रवक्ता बी.पी.शर्मा ने बताया है कि राज्य सरकार लाखों शासकीय सेवक के मौलिक अधिकार का हनन कर रही है। 01 जुलाई 2019 से प्रदेश के पेंशनरों को देय 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ता, प्रदेश के शासकीय सेवकों को देय जनवरी 2020 से देय व लंबित 14 प्रतिशत मंहगाई भत्ता, 7 वें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता नहीं दिया जा रहा है। इससे प्रत्येक मांह बढ़ती हुई मंहगाई की तुलना में लोक सेवकों को वेतन में आर्थिक क्षति हो रही है। जो प्रदेश के कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है। इस पर मुख्यमंत्री के आश्वासन के अनुरूप 14 सूत्रीय मांगों पर गठित पिंगुवा समिति के प्रतिवेदन व सरकार के निर्णय का इंतजार करेगें। ऐसी स्थिति में सरकार से चर्चा के माध्यम से मौलिक अधिकारों का संरक्षण करने का प्रयास किया जावेगा। ऐसा न होने पर मौलिक अधिकार रैली व दो दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय फेडरेशन की बैठक में लिया गया है।