अंडरवियर में खड़ा किया: वायरल फोटो पर पत्रकार का आया रिएक्शन, पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
एमपी। सोशल मीडिया पर 8 लोगों की एक फोटो वायरल हो रही है. इसमें एक पत्रकार भी है. ये सभी लोग सिर्फ अंडरवियर पहने और हाथ बांधे किसी के सामने खड़े दिखते हैं. इस फोटो को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें चल रही हैं. ये मामला विधायक पुत्र से शुरू हुआ था. फिर पुलिस पर गंभीर आरोप लगे. इसके बाद दो पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया. इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिपोर्ट तलब की. खास बात ये है कि मामले को लेकर पुलिस और पत्रकार का अलग-अलग पक्ष सामने आया है.
ये वायरल फोटो मध्यप्रदेश के सीधी जिले की है. मामले को लेकर पत्रकार कनिष्क तिवारी ने एक वीडियो जारी किया है. उन्होंने कहा कि बीते 2 अप्रैल को एक बेहद नींदनीय घटना हुई. मैं एक धरना प्रदर्शन को कवर करने गया था. मेरे कैमरामैन ने घटना को रिकॉर्ड भी किया है. वहां सिटी कोतवाली थाने की पुलिस मुझे जबरन धक्का देकर थाने के अंदर ले गई. मुझे मारा-पीटा गया. मेरे कपड़े उतरवाए गए. थाने में जुलूस निकलवाया गया. कहा गया कि अगर विधायक और पुलिस के खिलाफ खबर चलाओगे तो पूरे शहर में चड्डी पहनाकर जुलूस निकलवाऊंगा.
कनिष्क ने आगे बताया- हम पर धारा 151, शांति भंग करने की कोशिश और सार्वजनिक रास्ता अवरुद्ध करने की धाराएं लगाई गईं. हमारे साथ मारपीट की गई, गाली गलौच किया गया. जब पुलिस को पता चला कि मैं पत्रकार हूं तो पुलिस मुझसे कहने लगी कि तुम विधायक के खिलाफ खबर क्यों चलाते हो? विधायक किसी के घर में बर्तन मांजने जाएगा क्या? वायरल फोटो के बारे में बताते हुए कनिष्क ने कहा- हमलोगों को 2 अप्रैल की रात 8 बजे गिरफ्तार किया गया. और 3 अप्रैल की शाम 6 बजे छोड़ा गया. लगभग 18 घंटे हमलोग हवालात में रहे. अंडरवियर में हमें थाना प्रभारी के पास ले जाया गया. इसी दौरान अमिलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार ने हमारी फोटो खींची. ये लगभग रात 2:30 की बात है.
कनिष्क ने कहा- मैं डरा हुआ हूं. पूरा परिवार डरा हुआ है. सोशल मीडिया पर पुलिस ने फोटो वायरल किया है. जिससे मेरी मानहानि हुई है. मानवाधिकार का उल्लंघन हुआ है. मैं आपलोगों से अपील करता हूं कि आप मेरा साथ दें. मुझे लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है. मुझे जानकारी मिली है कि पुलिस मुझे दूसरे केस में फंसा कर जेल में डालना चाहती है.
मामले को लेकर एडिशनल एसपी अंजुलता पटेल का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा- एक फेक आईडी के जरिए विधायक के पुत्र (बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के बेटे गुरुदत्त शुक्ला) को परेशान किया जा रहा था. जांच के दौरान एक रंगकर्मी नीरज कुंदेर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इसके बाद कई रंगकर्मी और पत्रकार कनिष्क तिवारी थाना के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान सभी को 151 के तहत गिरफ्तार किया गया.
वायरल फोटो पर अंजुलता पटेल ने कहा- पुलिस हिरासत की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. मामला संज्ञान में लेते हुए एसपी सीधी के निर्देशन में डीएसपी हेड क्वार्टर गायत्री तिवारी को जांच का आदेश दे दिया गया है. बाद में, दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार थाना प्रभारी कोतवाली मनोज सोनी और अमिलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया.