छत्तीसगढ़

एसएसपी डॉ लाल उमेद सिंह ने बच्चों का बढ़ाया हर्षवर्धन

Nilmani Pal
5 Jan 2025 6:28 AM GMT
एसएसपी डॉ लाल उमेद सिंह ने बच्चों का बढ़ाया हर्षवर्धन
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रायपुर। मारुति फाउंडेशन की तरफ से राजेंद्र नगर बस्ती में एक महत्वपूर्ण ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य बच्चों को नशे से बचाना और नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाना था। इस प्रतियोगिता में मारुति फाउंडेशन के साथ-साथ जिला पुलिस अधीक्षक लाल उमेद सिंह और समाज ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया, ताकि नशे की समस्या के प्रति बच्चों में चेतना और समझ पैदा की जा सके। प्रतियोगिता का आयोजन विशेष रूप से बच्चों में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था। मेघा तिवारी, मारुति फाउंडेशन की अध्यक्ष ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को नशे के खतरों से अवगत कराना और उन्हें इस दिशा में प्रेरित करना था, ताकि वे अपनी जिंदगी को सही दिशा में आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस प्रशासन के सहयोग से इस कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाया गया है, जिससे बच्चों और समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता और सुरक्षा के प्रति एक मजबूत संदेश भेजा जा सके। इस तरह के छोटे-छोटे कार्यक्रमों से ही हम समाज में जागरूकता ला सकते हैं | हमारी कोशिश यही है कि बच्चों को नशे के खतरों के बारे में जानकारी दी जाए और उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जाए। यही जागरूकता समाज में बड़े बदलाव का कारण बनेगी।”

ड्राइंग प्रतियोगिता में बच्चों ने नशे से बचने और समाज को जागरूक करने वाले विषयों पर अपनी कलाकृतियां बनाई। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार विराज जगत ने, दूसरा पुरस्कार रितिका पांडे ने और तीसरा पुरस्कार कुसुम बाग ने जीता। सभी विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अलावा, सभी प्रतिभागियों को भी उपहार दिए गए, ताकि उन्हें और अधिक प्रोत्साहन मिल सके। कार्यक्रम मैं बच्चों के मानसिक विकास और उनकी सुरक्षा को लेकर आयोजित किया गया था, खासकर नशे की बढ़ती समस्या को देखते हुए। बच्चों में बढ़ते नशे के मामलों को रोकने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन बेहद जरूरी है। हम चाहते हैं कि हमारे समाज के बच्चे नशे के खतरे से बचें और एक उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर हों।” इस कार्यक्रम में जिला पुलिस अधीक्षक और समाज के सक्रिय योगदान से यह पहल और भी प्रभावशाली बन पाई। पुलिस प्रशासन ने बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी और समाज को भी इस दिशा में साथ देने के लिए प्रेरित किया। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों को नशे से बचाने के लिए एक कदम था, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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