सटिक समीकरण के बाद दो कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाये जाने की चर्चा...
मरकाम को मिल सकता है एक्टेंशन!
मोहन मरकाम के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश संगठन में बदलाव की खबरों से दिल्ली से लेकर राजधानी तक हलचलें तेज होने के बाद भी ऐसी संभावना जताई जा रही है है कि चुनावी साल में ज्यादा फेरबदल नहीं कर मरकाम के साथ दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर मोहन मरकाम का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। वहीं मोहन मरकाम को संगठन में फेरबदल के इस बारे में हाईकमान से कोई सूचना या संदेश नहीं मिला है। इसलिए माना जा रहा है कि मोहन मरकाम बने रहेंगे। वहीं सांसद दीपक बैज की दिल्ली में बड़े नेताओं से मुलाकात मात्र सौजन्य मुलाकात है, इस पर टीका टिप्पणी जल्दबाजी होगी। सांसद नियमित रूप से लोकसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं से मिलना एक रूटिन वर्क का हिस्सा है। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री रवि घोष ने इस संबंध में कहा कि हाईकमान का जो भी आदेश होगा वह शिरोधार्य होगा।
राजनीतिक संवाददाता
रायपुर । इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना है। और चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नया अध्यक्ष मिल सकता है वैसे भी पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम का कार्यकाल पूरा हो चुका है,ऐसे में नए पीसीसी अध्यक्ष की घोषणा जल्द की जा सकती है। पार्टी सूत्रों की माने तो इस बार एक अध्यक्ष और दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जा सकते हैं। यह भी बताया जा रहा है की पीसीसी अध्यक्ष के लिए बस्तर के सांसद दीपक बैज का नाम सबसे टॉप में चल रहा है। चूंकि अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से आते हैं साथ ही अन्य वर्ग जैसे ओबीसी और अनुसूचित जाति वर्ग को साधने के लिए दोनों वर्ग से कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाये जा सकते हैं। 2023 के नवंबर में छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव होने हैं। इस लिहाज से पार्टी किसी भी समाज को नाराज़ करना नही चाहती।चुनाव से पहले प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं। छत्तीसगढ़ में काग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर एक नया चेहरा देखने को मिल सकता है। लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान को लेना है। पक्की खबर यह भी आ रही है की सांसद दीपक बैज के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है सूत्र यह भी बताते हैं कि नाम लगभग फाइनल हो गया है बस हाईकमान की मुहर लगना बाकी है।
पहले तो यह भी खबर थी कि सरगुजा संभाग से कैबिनेट मंत्री अमरजीत सिंह भगत का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में था लेकिन अभी इसका कुहासा छँटा नहीं है। यानी अभी स्थिति साफ नहीं हुई है। कुछ कांग्रेस नेता यह भी बता रहे थे की मोहन मरकाम को एक बार फिर रिपीट किया जा सकता है लेकिन इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है कुछ समय पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मोहन मरकाम की तल्खी जग जाहिर हो चुकी है तथा पिछले विधानसभा सत्र के दौरान अपनी पार्टी को कटघरे में भी खड़ा कर चुके हैं। इसी बीच आनन फानन में दीपक बैज दिल्ली रवाना हुए थे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात भी किये इससे जाहिर होता है कि दीपक बैज ही नए पीसीसी अध्यक्ष होने जा रहे हैं तथा नाम भी लगभग फाइनल हो चुका है सिर्फ औपचारिक घोषणा होना बाकी रह गया है। राहुल गांधी के सूरत से वापसी के बाद से ही छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेता दिल्ली पहुंचे जिसमे दीपक बैज भी प्रमुख थे। जहां वे मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात भी किये हैं इससे अटकले लगाई जा रही है कि दीपक बैज ही नए पीसीसी अध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली में थे वे राहुल गाँधी के साथ सूरत भी गए थे वहां से दिल्ली वापसी में इन नेताओ के साथ दीपक बैज भी उनसे मिले थे। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद प्रदेश में बदलाव के कई तरह की अटकलें लगाई जानी शुरू हो गई थीं। इन अटकलों के बीच दो नेताओं का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा था। जिसमें एक कैबिनेट मंत्री अमरजीत सिंह भगत तो दूसरे लोकसभा सांसद दीपक बैज शामिल हैं। वहीं इस बीच दीपक बैज दिल्ली भी पहुंच चुके हैं और दिल्ली पहुंचकर दीपक बैज ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। हालांकि छत्तीसगढ़ का कांग्रेस पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इस बात का अंतिम फैसला हाईकमान को ही लेना है लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पसंद ना पसन्द को भी ध्यान में रखना होगा। जिस नाम पर भूपेश बघेल सहमत होंगे हाईकमान उसी नाम को ही फाइनल करेगी। पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि सरगुजा से आने वाले कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत को पार्टी की कमान सौंपकर मोहन मरकाम को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, लेकिन कहते हैं कि यह समीकरण उस वक्त फेल हो गया जब भगत की ओर से अध्यक्ष नहीं बनने की बात रखी गई थी। भगत मंत्री मंडल में ही रहना चाह रहे थे लेकिन बदलती राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए सहमति उनकी है परंतु अचानक युवा तुर्क और साफ सुथरी छवि के आदिवासी नेता दीपक बैज का नाम सामने आया।दीपक बैज को लेकर सहमति बनने की खबर के पीछे यह दलील दी जा रही है कि मरकाम कि तरह वह भी बस्तर से आते हैं, पार्टी के सांसद हैं, युवा चेहरे हैं। हाल ही में रायपुर में हुए अधिवेशन में भी युवा चेहरों को जिम्मेदारी देते हुए महत्वपूर्ण पदों पर लाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। उस लिहाज से भी दीपक बैज फीट बैठ रहे हैं वे युवा हैं और आदिवासी वर्ग से भी आते है ऐसे में उनके नाम पर सबकी सहमति बनने में देर नहीं लगेगी। दीपक बैज बस्तर से ही होने के वजह से मोहन मरकाम की जगह आसानी से ले भी सकते हैं और आदिवासी वर्ग नाराज भी नहीं होगा साथ ही बस्तर में जो घटनाक्रम चल रहा है उसका हल भी बेहतर तरीके से खोज सकते हैं।