छत्तीसगढ़

राजनीतिक-प्रशासनिक संरक्षण में चल रहा सट्टा

Nilmani Pal
1 Sep 2022 5:49 AM GMT
राजनीतिक-प्रशासनिक संरक्षण में चल रहा सट्टा
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गली-मोहल्लों में छोटी मछलियों की धर-पकड़, बड़ सटोरिए मस्त

सट्टा को संरक्षण देने वालों में नेता, अधिकारी और मीडिया मैनेजर

सफेदपोशों का वन-टू का फोर कारोबार में शत-प्रतशत भागीदारी

पुलिस की सटोरियों के खिलाफ प्रायोजित कार्रवाई, धरपकड़ के बाद भी सट्टा आबाद

बड़े नेताओं के खास सटोरियों पर पुुलिस कार्रवाई करने के बजाय छुटभैयों को पकड़ रही

रायपुर में नशे के कारोबार जमाने वाले रवि साहू-आसिफ ड्रग गैंग बेखौफ - रायपुर सहित पूरे छग में नशे के कारोबार को स्थापित करने वाले रवि साहू और आसिफ पुलिस के कार्रवाई से बेखौफ हैं। छुटभैय्ये नेताओं से नजदीकी के कारण पुलिस भी कार्रवाई करने में पीछे रहती है। नारकॉटिक्स सेल बनने के बाद ऐसा महसूस हो रहा था कि नशे की कारोबारी सरेंडऱ हो जाएंगे लेकिन छोटी मछली को ही पकड़ा जा रहा है, बड़ी मछलियों पर पुलिस हाथ ड़ालने से कोसो दूर है।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। पूरे प्रदेश में सट्टा का कारोबार एक गृह उद्योग की तरह संचालित हो रहा है। इस कारोबार में सत्ता और विपक्ष से जुड़े नेताओं के खास कहे जाने वाले लोग सट्टा को अबाध रूप से चला रहे है। पुलिस की हर रोज सट्टा के खिलाफ कार्रवाई कर सटोरियों को पकडऩे के बाद भी सट्टा का कारोबार बंद नहीं हो सका। जानकारों का मानना है कि इसके पीछे राजनीतिक घुसपैठ माना जा रहा है। पुलिस तो बराबर कार्रवाई कर रही है पर सरगना को पकडऩे के बजाय कमीशन पर सट्टा लिखने वालों को पकड़ रही है। असली सरगना तो आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। क्योंकि जो सफेदपोश इस कारोबार से जुड़े है उनका राजनीतिक घुसपैठ ऊपर तक है, जिसके कारण पुलिस कार्रवाई में मुख्य सरगना पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाता । पुलिस कानून से ताकतवर होने के बाद भी मजबूर साबित हो रही है। क्योंकि पुलिस जिस सटोरियों को पकड़ती है उसका लिंक सीधे राजनेताओं से होने के कारण पुलिस सख्ती के बजाय सामान्य व्यवहार कर नेताओं के फोन आते ही या उन्हों फोन करके बता देती है कि फलां व्यक्ति को सट्टा-पट्टी के साथ पकड़ा है। तो उधर से आवाज आती है कि विधायक का समर्थक तो नहीं है, यदि पुलिस ने बता दिया कि यह विधायक का समर्थक है, मंत्रियों तक बात ऊपर तक पहुंचे उसके पहले सटोरियों पर कार्रवाई कर जल्दी से छोड़ दें, पुलिस लगातार सटोरियों पर कार्रवाई भी करती है लेकिन जो सरगना है वहां तक पुलिस पहुंच ही नहीं पाती है, मात्र गुर्गों को पकड़ कर सट्टा बंद कराने की कवायद कर रहे है। पुलिस की इच्छा शक्ति भी कानून व्यवस्था सख्त करने में है लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कड़ाई के बजाय ढिलाई से काम ले रहे है। ऐसा नहीं है कि पुलिस को सटोरियों के ठीहे नहीं मालूम हो। पुलिस की टीम सट्टा, तस्करी, जुआ, चाकूबाजों पर पूरी तरह शिकंजा कसना चाहती है। लेकिन राजनीतिक पेंच में उलझ जाती है इस कारण सरगना को पकडऩे के बजाय सरगना को आगाह करते हुए किसी छुटभैया सटोरिया को पकड़वाने की सूचना देकर बड़े खाईवालों को समुचित सुविधा दे रही है। जिसके सट्टा बंद होने की जगह बेखौफ फल फूल रही है। सट्टा एक ऐसा कारोबार है जिसमें चार-चार घंटे के अंतराल में भारी भरकम रूपयों का आवाजाही होती है। और इसी आवाजाही में करोड़ों रुपए का खेल हो जाता है। जिसमें खाईवाल के साथ सट्टा लिखने वाले को तत्काल फायदा मिलता है। और जिसका सट्टा नंबर आता है उसे भी तुरंत भुगतान कर दिया जाता है। इस तरह सट्टा एक गृह उद्योग के रूप में संचालित होकर लोगों को कमाने का झांसा देकर सटोरिए मालामाल हो रहे है।

राजधानी के कई इलाकों में छापेमारी,16 सटोरिये गिरफ्तार

रायपुर जिले में जुआ, सट्टा एवं क्रिकेट सट्टा पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल द्वारा पुलिस के समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों एवं प्रभारी एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट को कार्य योजना तैयार कर इस पर अधिक से अधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। जिस पर समस्त थाना प्रभारियों सहित प्रभारी एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट द्वारा थाना क्षेत्रों में मुखबीर लगाने के साथ ही लगातार पेट्रोलिंग व सूचना संकलन कर जुआ एवं सट्टा खेलने/खिलानेवालों के संबंध में सूचना एकत्रित की जा रही है। जिसके तारतम्य में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट तथा थानो की संयुक्त टीमो द्वारा सटोरियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए सट्टा संचालन करने वाले कुल 16 सटोरियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से नगदी रकम 18,780/- रूपये तथा सट्टा-पट्टी जप्त किया जाकर सटोरियों के विरूद्ध संबंधित थानों में धारा 4क जुआ एक्ट की कार्यवाही की गई। सटोरियों के विरूद्ध कार्यवाही लगातार जारी रहेगा। कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है- 01. आरोपी आकाश टण्डन पिता स्व. सुंदर लाल टण्डन 02. आरोपी राहुल महानंद पिता प्रदीप महानंद। 03. आरोपी बीरू निर्मलकर पिता परदेशी निर्मलकर। 04. आरोपी रिंगराज कुमार पिता उदचंद कुमार उम्र 32 साल 05. आरोपी विजय नागेश पिता टेकराम नागेश 06. आरोपी मोह. जावेद पिता मोह. युसूफ 07. आरोपी रामु राय पिता मोहन राय 08. आरोपी ईमरान खान पिता रमजान खान 09. आरोपी आशीष यादव पिता स्व. शेखर यादव 10. आरोपी प्रदीप यादव पिता पंछीलाल यादव 11. आरोपी बिहारी लाल साहू पिता गुलाबचंद साहू 12. आरोपी राजा यादव पिता स्व. ननकूराम यादव13. आरोपी महेन्द्र जांगड़े पिता अमृतलाल जांगड़े 14. आरोपी उत्तम बारले पिता मेहत्तर बारले 15. आरोपी मुकेश शर्मा पिता भारती लाल शर्मा 16. आरोपी राजेन्द्र कुमार साहू पिता संतोष साहू उम्र ।

रायपुर में नशे के कारोबार जमाने वाले रवि साहू-आसिफ ड्रग गैंग बेखौफ

रायपुर सहित पूरे छग में नशे के कारोबार को स्थापित करने वाले रवि साहू और आसिफ पुलिस के कार्रवाई से बेखौफ हैं। छुटभैय्ये नेताओं से नजदीकी के कारण पुलिस भी कार्रवाई करने में पीछे रहती है। नारकॉटिक्स सेल बनने के बाद ऐसा महसूस हो रहा था कि नशे की कारोबारी सरेंडऱ हो जाएंगे लेकिन छोटी मछली को ही पकड़ा जा रहा है, बड़ी मछलियों पर पुलिस हाथ ड़ालने से कोसो दूर है।

सरपंच से मांगे 6 लाख, महिला सहित 6 फर्जी नक्सली गिरफ्तार

गरियाबंद पुलिस ने 6 फर्जी नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दरअसल मामला जिला गरियाबंद के थाना छुरा क्षेत्र का है जहां 06 आरोपियों ने फर्जी नक्सली बनकर सरपंच से 5 लाख रुपये की उगाही करने वाले सभी 6 फर्जी नक्सलियों को जिला पुलिस गरियाबंद ने घेराबंदी कर गिरफ्तार किये हैं। थाना छुरा में प्रार्थी हेमू नागेश पिता विष्णु राम उम्र 30 साल निवासी ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि 3-04 नकाबपोस हथियारबन्द नक्सली इनके घर मे घुसकर जान से मारने की धमकी देते हुए 5 लाख रुपये की मांग किया. जिस रिपोर्ट पर थाना छुरा में अपराध दर्ज किया गया। मामले कि गंभीरता को देखते हुये थाना प्रभारी छुरा ने जिला के आला अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गयी। जिला गरियाबंद के पुलिस कप्तान जेआर ठाकुर के दिशा-निर्देश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रेश ठाकुर के मार्गदर्शन, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पुष्पेंद्र नायक, व उप पुलिस अधीक्षक सुश्री निशा सिन्हा के पर्यवेक्षण में स्पेशल टीम गठित कर प्रकरण के त्वरित निराकरण हेतु निर्देशित किया गया। जिसके पश्चात स्पेशल टीम, सायबर सेल एवं थाना छुरा के टीम द्वारा सूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया था, विश्वस्त मुखबिर द्वारा दिये गए सूचना में आधार पर संदेही प्रह्लाद नायक, रोहित नायक, गेमेन्द्र ध्रुव, ओमप्रकाश निषाद, गौतम चक्रधारी एवं पायल मानिकपुरी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर सभी 6 आरोपियों द्वारा अपना जुर्म कबूल कर घटना को अंजाम देने में उपयोग किये एयर गन तथा नक्सली वर्दी एवं अन्य सामग्री को पेश करने पर गवाहों के समक्ष जप्त किया गया। सभी 06 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी छुरा, स्पेशल टीम प्रभारी प्रआर अंगद राव ,चूड़ामणि देवता, आरक्षक सुशील पाठक रविंद्र सिन्हा, हरीश साहू, यादराम ध्रुव, साथ ही थाना छुरा से सहायक उपनिरीक्षक सुरेश निषाद, प्रआर हीरालाल चंद्राकर, तुलाराम, उमेश शांडिल्य ,आरक्षक माधव साहू, दयानंद गौड़, राजेंद्र गायकवाड, सूर्यकांत राय की सराहनीय भूमिका रही। गिरफ्तार आरोपी 01 प्रहलाद नायक पिता विजय नायक उम्र 40 साल निवासी पिपरहट्टा थाना छुरा, 02. रोहित नागेश पिता भादुराम उम्र 30 साल निवासी कोचेंगा थाना शोभा, 03. गेमेंद्र ध्रुव पिता जागेश्वर राम उम्र 23 साल निवासी पोखरा थाना राजिम, 04. ओमप्रकाश उर्फ छोटू पिता हेमलाल निषाद उम्र 25 साल निवासी पोखरा थाना राजिम, 05. गौतम चक्रधारी पिता जनकराम उम्र 31 साल निवासी करेली थाना शोभा, 06. पायल मानिकपुरी पिता कंचन्दास उम्र 31 साल निवासी बिलाईगढ़ कैथा थाना बिलाईगढ़ जिला बलौदाबाजार, वर्तमान पता मोवा रायपुर

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