छत्तीसगढ़

महामारी के दौर में भी चल रहा सट्टा, सटोरियों के धंधे आबाद

Admin2
15 Jun 2021 6:03 AM GMT
महामारी के दौर में भी चल रहा सट्टा, सटोरियों के धंधे आबाद
x

डॉन रवि साहू-आसिफ को कब पकड़ोगे साहब?

रायपुर (जसेरि)। राजधानी में कई जगहों पर रोज सट्टा-जुआ का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, शहर में बड़े बुकियों ने अपना अड्डा जमा लिया है। राजधानी में आए दिन सट्टा का करोबार जोरो से चलते जा रहा है। शहर में सट्टे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के साथ-साथ गांवों में भी सट्टा का कारोबार सफेदपोश नेताओं और आस-पास लोगों की मदद से तेजी से फैल रहा है। लोग बेख़ौफ़ होकर अपने काले धंधे का संचालन कर रहे हैं। शहर के कई क्षेत्रों में सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। पूरे शहर को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। शहर की तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की कार्रवाई नहीं हो रही है, क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम सट्टा चलने लगा है, इसकी जानकारी पुलिस को होते हुए भी कोई कार्यवाई नहीं कि जाती हैं। माना जा रहा है कि रायपुर में रोजाना लाखों रुपए का सट्टा खेला जा रहा है।

सट्टा खुलेआम चलने लगा : शहर में कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही लगता है कि बड़े खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। रायपुर क्षेत्र में तो ये चलता ही है आजकल आउटर क्षेत्र में भी इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। बड़े खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं रोज हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टी काटते नजर आते हैं। इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग रायपुर में खुलेआम पट्टी काटकर और मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं। जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है। सट्टे के हिसाब-किताब की जगह बार-बार बदल कर बड़े खाईवाल अपनी होशियारी का भी परिचय देने की कोशिश करते हैं।

जुआरी भी हुए सक्रिय : कई इलाकों में जुआ की महफि़ल जम रही है कुछ जगहों पर पुलिस ने पिछले दिनों कार्रवाई की थी। लेकिन पुलिस के शांत होते ही जुए के अड्डों में महफि़लें जमने लगी है। शहर के बड़े होटलों में भी जुआ खिलाया जा रहा है पुलिस सिर्फ मुखबिर की सुचना पर ही कभी-कभी होटलों में दबिश देती है। कार्रवाई के बाद फिर से वहां दाव लगने शुरू हो जाते है। जुआ सट्टा आम बात है और पुलिस ऐसे जुआरियों और सटोरियों पर अपना शिकंजा कसती जा रही है। लेकिन वही पुलिस की कालोनियों के आस-पास जुआरियों का अवैध कारोबार चले जा रहा है। शहर में पुलिस की कार्रवाई के बाद भी जुआ और सट्टेबाज सक्रिय है और शहर के कई बड़े होटलों में भी जुआ खिलाया जा रहा है। हैरानी की बात ये भी है कि पुलिस लाइन में भी जुआ खिलाया जा रहा है। पुलिस लाइन को सट्टा, जुआ के कारोबार ने पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है।

रोज होता लाखों का कारोबार

शहर में एक बार फिर से सट्टा-बाजार गर्म हो गया है। इस कारोबार में कई सफेदपोश लोग भी शामिल हैं जो कहने के लिए शहर के बड़े व्यापारी हैं और उनका असली काम सट्टे का ही है। पुलिस या कोई खुफियां एजेंसी सट्टोरियों को पकड़ न सकें। इस लिए सट्टोरियों ने कोड वर्ड में बात शुरू कर दी है। इसके अलावा रायपुर के सटोरियों के लिए सट्टा लगाने की व्यवस्था कालीबाड़ी में कई सालों से चले जा रहा है। शहर में इन दिनों चार बड़े बुकी ही बड़े स्तर पर सट्टेबाजी में जुड़े हुए हैं। इनमें से एक का शहर का व्यापारी भी है। इस कारोबारी ने सट्टे का कारोबार माना से लगे इलाके और आसपास के कुछ गांवों में बनाया हुआ है। यहीं से पूरा धंधा ऑपरेट हो रहा है।

जुआ-सट्टा कारोबार जोरों पर

जुए और सट्टे का कारोबार भी जोरों पर चल रहा है। जुआ माफियाओं ने अपना अड्डा नेहरू नगर और पुरानी बस्ती क्षेत्र के अलावा अन्य जगहों पर फैलाते हुए अवैध कारोबार शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व शहर में जुए का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था और इस कारोबार से लगे लोगों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि अब दिनदहाड़े जहां खुले मैदानों में सट्टा पर्ची काटी जा रही है, वहीं खुले मैदान के सामने भी सट्टा खिलवाया जा रहा है।एक और जहां सट्टा, जुआ, भू- माफिया के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने का दम भर रही है, वहीं खुलेआम जुआरी और सटोरियों के द्वारा किया जा रहा कारोबार उन दावों का मुंह चिढ़ा रहा है।

मिड-डे अखबार जनता से रिश्ता में किसी खबर को छपवाने अथवा खबर को छपने से रूकवाने का अगर कोई व्यक्ति दावा करता है और इसके एवज में रकम वसूलता है तो इसकी तत्काल जानकारी अखबार प्रवंधन और पुलिस को देवें और प्रलोभन में आने से बचें। जनता से रिश्ता खबरों को लेकर कोई समझोता नहीं करता, हमारा टैग ही है-

जो दिखेगा, वो छपेगा...

Next Story