नए शहर अध्यक्ष को लेकर अटकलें, मुसलमान नेता ने शुरू की जोड़-तोड़
मुस्लिम वर्ग ने अल्पसंख्यक आयोग में मांगी थी प्रतिनिधित्व
अब दक्षिण विस सीट से मुस्लिम उम्मीदवार या फिर शहर अध्यक्ष पद देने की मांग
रायपुर (जसेरि)। नए शहर कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर जोड़-तोड़ शुरू हो गया है। इसके लिए नए नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। मोहन मरकाम के सबसे नजदीक और विश्वासपात्र एक युवा और तेजतर्रार नेता ने इस पद पर अपनी नियुक्ति के लिए चालें तेज कर दी हैं अपनी रणनीति से उसने बड़े-बड़े नेताओं को चौंका दिया है। बहुत जल्दी शहर कांग्रेस कमेटी को नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है। कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष के लिए मुसलमानों की ओर से भी मांग उठ रही है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। कई मुस्लिम नेताओं में लाइन से इस पद को पाने की होड़ लगी हुई है। मुस्लिम नेताओं की फेहरिस्त में सबसे पहला नाम सलाम रिजवी और पार्षद कामरान अंसारी का आता है। वहीं दूसरी ओर अधिकतर मुसलमान नेताओं का यह भी कहना है कि अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन या फिर दक्षिण विधानसभा की टिकट किसी मुस्लिम नेता को दी जाए। ये दोनों नहीं हो सकता तो शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व की भांति मुस्लिम खाते में जाना चाहिए। पिछले 30 सालों से यही परंपरा रही है कि शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुस्लिम नेताओं को ही बनाया जाता है स्वर्गीय अब्दुल हमीद हयात और इकबाल अहमद रिजवी इसके जीता जागता उदाहरण है । वर्तमान चुनाव की परिस्थिति देखते हुए विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को टिकट देना काग्रेस पार्टी के लिए टेढ़ी खीर होंगी। अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष मुस्लीम समाज से नहीं बनाए जाने के बाद शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर किसी मुसलमान को नियुक्त नहीं करने से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है इसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी को मुसलमान को अध्यक्ष बनाने में किसी प्रकार का एतराज नहीं होना चाहिेए। मुसलमानों की मांग देखते हुए 3 पद में से एक पद किसी एक मुसलमान नेता को दिया जा सकता है इससे राजनीतिक पंडित भी इंकार नहीं कर रहे।
ऊहापोह में कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी की मुख्य समस्या यह है कि मुसलमानों को शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद दे या दक्षिण विधानसभा की टिकट उनमें से दोनों बात नहीं बनती है तो अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन कौन से मुस्लिम नेता को बनाएं वही एक छत्तीसगढ़ के प्रमुख कांग्रेसी नेता ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ी वाद चल रहा है और छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री विराजमान है तो क्यों ना इस बार छत्तीसगढ़ी शहर अध्यक्ष बना दिया जाए।