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छत्तीगसगढ़ के स्कूली बच्चों में अंग्रेजी भाषा को पढ़ने और समझने की कौशल में वृद्धि करने के लिए सभी मिडिल स्कूलों में 15 अगस्त से सौ दिन सौ कहानियां' कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा अंग्रेजी भाषा के पठन-पाठन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सेंट्रल ऑफ इंडियन लैंग्वेजेस (सीआईआईएल) मैसूर द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई पुस्तकें स्कूलों में उपलब्ध करायी गई हैं। इन पुस्तकों में छोटी-छोटी कहानियां अग्रेजी लिखी गई हैं और इनका हिन्दी में अनुवाद भी दिया गया है, ताकि बच्चे इन्हें आसानी से समझ सकें। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों में अंग्रजी भाषा की समझ विकसित करने के लिए शुरू किए जा रहे इस कार्यक्रम की मानिटरिंग के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बच्चों में अंग्रेजी भाषा की समझ विकसित करने के लिए संकुल और विकासखंड स्तर पर प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी का गठन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चें कहानियों के पढ़ने और समझने के बाद इन्हें अपने गांव और मुहल्लों के बच्चों एवं बड़ों को भी सुनाएंगें। शिक्षकों द्वारा इनकी विडियोग्राफी और पीपीटी तैयार की जाएगी जिसे शिक्षा विभाग के वेबसाइट में अपलोड किया जाएगा। समय -समय पर प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी और स्कूली शिक्षकों की वेबीनार भी आयोजित होंगी। 'सौ दिन सौ कहानियां' पुस्तकें कोरोना संकट काल और स्कूली बच्चों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं। ये पुस्तकें वाटर प्रूफ हैं और इसे सेनिटाईज भी किया जा सकता है। इस कार्यक्रम से जुड़े सभी अंग्रेजी शिक्षकों को शिक्षा विभाग के टेलीग्राम गु्रप में जुड़कर अपने अनुभव साझा करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षक टेलीग्राम ग्रुप 100 days 100 stories with CIL Publication books in school's library में जुड़ कर अपने अनुभव अपलोड कर सकते हैं।