कोरबा। जिले में पहली बार पुलिस की ओर से कोटवार सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाले कोटवारों को सम्मानित किया गया। साथ ही, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने कोटवारों के साथ बैठकर भोजन किया।
राजीव गांधी ऑडिटोरियम टीपी नगर कोरबा में आयोजित कोटवार सम्मेलन में नगर निगम कमिश्नर प्रभाकर पांडेय मुख्य अतिथि और डीएफओ प्रियंका पांडेय विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुईं। एसपी भोजराम पटेल ने सम्मेलन में कहा कि कोटवारों का संबंध प्रत्येक व्यक्ति से जन्म से लेकर मृत्यु तक रहता है। व्यक्ति के जन्म होते ही कोटवार द्वारा जन्म पंजी में उसका नाम दर्ज किया जाता है, जबकि मृत्यु होने पर मृत्यु पंजी में उसका नाम दर्ज किया जाता है। कोटवार महत्वपूर्ण व्यक्ति है, जिससे जन्म से लेकर मृत्यु तक हर व्यक्ति का पाला पड़ता है। साथ ही, कोटवार को ग्राम पुलिस अधिकारी की संज्ञा दी गई है। गांव में होने वाले सभी छोटे-बड़े अपराधों की जानकारी, गांव में आने वाले अजनबी व्यक्तियों की जानकारी, गांव में होने वाली हर गतिविधि की सूचना पुलिस और प्रशासन तक देता है। हर प्रशासनिक कार्य को संचालित करने में कोटवार महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। एक तरह से कोटवार ग्राम देवता की भांति होते हैं। हम उनसे जितना अधिक जुड़ेंगे, हमारे काम उतने ही आसान होंगे। साथ ही, सूचना तंत्र उतना ही अधिक मजबूत होगा। मुख्य अतिथि प्रभाकर पांडे ने कहा कि कोटवार प्रशासन व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। कोटवार जितनी अधिक सजगता और जागरूकता और संवेदनशीलता से काम करेंगे, प्रशासनिक कार्य उतना ही अच्छी तरह से संपादित होंगे। डीएफओ प्रियंका पांडे ने कोटवारों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोटवार ग्रामीण पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्था की महत्वपूर्ण इकाई है। साथ ही, वनों की रक्षा, वनों की कटाई और वनों में लगने वाली आग से बचाव करने व वन अधिकारियों तक सूचना देने की अपील की।