बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन को राहुल को स्पीच थैरेपी देने के निर्देश भी दिए थे. ये निर्देश इसलिए दिए गए ताकि, राहुल बोल सके. तो उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही राहुल बोल भी सकेगा. जैसे ही राहुल की तबीयत में ओर सुधार आएगा तो अस्पताल प्रबंधन उसे स्पीच थैरेपी देने की व्यवस्था शुरू कर देगा. स्पीच थैरेपी से राहुल को बोलने के साथ ही सुनने भी मदद मिल सकेगी.
बता दें कि राहुल 105 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बोरवेल से बाहर आया था. राहुल को बाहर निकालने के लिए देश का अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. दरअसल राहुल उस गहरे बोर में चार दिन से अधिक समय तक फंसा रहा था. NDRF और सेना के जवानों ने 105 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला था. बोर से बाहर आने के बाद से ही उसका इलाज अपोलो अस्पताल में चल रहा है. पांच दिनों तक महज तीन से चार फीट संकरे बोर में फंसे रहने के कारण उसके हाथ-पैर में अकड़न आ गई है. वहीं बोर में गिरने और हाथ-पैर पानी में डूबने की वजह से शरीर में इंफेक्शन फैल गया था.