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रायपुर raipur। राजनांदगांव निवासी तृप्ति साहू 'मोखला' ने हास्य व्यंग्य पंक्ति जनता से रिश्ता आईडी पर ई-मेल की है।
एक पेड़ माँ के नाम,बोले तो हो रहा बढ़िया काम।
लगाए पेड़ का कहीं गर,कर दे बकरी काम तमाम।।
काँटें घेरेंगी कैसे? वे क्या ,खुद बाड़ लगा पायेगी।
ममतामयी माँ थोड़ी गुस्सा होगी फिर मान जायेगी।
योजना बढ़िया फिर भी,कुछ सुधार की गुंजाइश है।
खुद के नाम से पेड़ लगे,हर पत्नी की फरमाइश है।।
अच्छा होगा गर एक पेड़ ,पत्नी के नाम पर होंगे।
रसोई से जुड़ा फल सब्जी,कुछ तो दाम कम होंगे।।
पौधे होंगे कुछ फूलों के जिनसे बन पाएँ यदि गजरे।
घर का बजट कुछ कम होगा,उठा सकेंगे ये नखरे।।
खाद पानी समय पर होंगे,निराई गुड़ाई में देर नही।
कुछ कमी बेसी हुई तो संतों,पति देव की खैर नहीं।।
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