खुले मैदान में खिला रहा था सट्टा, गिरफ्तार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रायपुर। राजधानी जुआरियों, सटोरियों, और गांजा बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश किसी थाने थानेदारों ने अपने-अपने क्षेत्र में ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इसके चलते ये अवैध कारोबार कुछ दिनों तक बंद रहे, लेकिन अब फिर अवैध कारोबार करने वाले कई मोहल्लों में सक्रिय हो गए हैं। पुरानी बस्ती, गंज, गोलबाजार, कोतवाली, खमतराई, गुढ़ियारी इलाके का जायजा लिया और आम लोगों से बातचीत की तो पता चला कि एसपी का फरमान अब बेअसर साबित होने लगा है। खुलेआम सटोरिए सट्टा-पट्टी काट रहे हैं। शराब-गांजा बेचने वाले भी बेधड़क अपने काम में लगे हैं। मंदिरहसौद थाना क्षेत्र में खुले आसमान के नीचे सटोरिए सट्टा खिलाते है जिसकी वीडियो जनता से रिश्ता के संवाददाता ने अपने कैमरे में कैद कर लिया और अपने अखबार के जरिए इस खबर को प्रकाशित भी की। सटोरियों ने संवाददाता को बातचीत में बताया कि उनकी पहुच पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों तक है और हर महीने उन्हें भाई मोटी रकम अदा करनी पड़ती है। इस बात को संवाददाता ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और थाना प्रभारी मंदिरहसौद को बताया। जिस पर पुलिस ने ततपरता से कार्रवाई करते हुए एक व्यक्ति को सट्टा पट्टी काटते गिरफ्तार किया।
खुले मैदान में सट्टा खिलाते एक गिरफ्तार
खुलेआम मैदान के बीचों बीच खेला जा रहा सट्टा
शहर के साथ-साथ गांवों में भी सट्टा का कारोबार सफेदपोश नेताओं और आस-पास लोगों की मदद से तेजी से फैल रहा है। लोग बेख़ौफ़ होकर अपने काले धंधे का संचालन कर रहे हैं।शहर के कई क्षेत्रों में सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसके चलते युवा वर्ग बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पूरा मामला जान कर भी स्थानीय पुलिस मौन धारण किये हुए है। पूरे शहर को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं।
चोरी छिपे खेले जाने वाला सट्टा खुले मैदान में
शहर में कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। और वही खुले मैदान में सट्टेबाज ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल को खिलाते है। जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही लगता है कि बड़े खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। रायपुर क्षेत्र में तो ये चलता ही है आजकल आउटर क्षेत्र में भी इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। बड़े खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं रोज हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टी काटते नजर आते हैं। इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग रायपुर में खुलेआम पट्टी काटकर और मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं। जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है। सट्टे के हिसाब-किताब की जगह बार-बार बदल कर बड़े खाईवाल अपनी होशियारी का भी परिचय देने की कोशिश करते हैं।
स्कूली छात्र भी खेल रहे जुआ-सट्टा
जुआ खेलने में स्कूली विद्यार्थी भी पीछे नहीं है। स्कूलों पहुंचकर वहीं अपना बस्ता रखकर कई विद्यार्थी वहां से फरार हो जाते हैं और पहुंचते हैं इसके अड्डों पर। स्थिति इस कदर बिगड़ रही है कि बच्चे घर से किताब-कापियां खरीदने के लिए पैसे लाते हैं और उसे जुए में उड़ा देते हैं। बचपन में जुआ खेलने की बुरी लत पडऩे से उनके भविष्य भी खराब हो रहा है।
यहां सालों से चल रहा कारोबार
शहर के अंदर पुरानी बस्ती के लाखेनगर चौक, नर्मदापारा, चूनाभट्ठी, गुढ़ियारी के पहाड़ीपारा चौक, गोलबाजार थाने के ठीक सामने, नेहरू नगर, कालीबाड़ी, पेंशनबाड़ा, ओसीएम चौक के पास, खमतराई ओवरब्रिज आदि स्थानों पर लंबे समय से सट्टा-पट्टी, शराब, गांजा बेचने का कारोबार चल रहा है। वही ग्रामीण इलाकों की बात करे तो मंदिरहसौद, माना, राखी, भटगांव, माना बस्ती, माना तुता, नया रायपुर, आरंग, इंद्रावती भवन ये सट्टेबाजों का तय अड्डा है जहां पर बैठकर ये सटोरिए खुलेआम सट्टा काटते रहते है।