छत्तीसगढ़

छुटभैये कांग्रेसी नेता और पुराने अधिकारी मिलकर कर रहे हैं धान घोटाला

Nilmani Pal
18 Nov 2024 5:32 AM GMT
छुटभैये कांग्रेसी नेता और पुराने अधिकारी मिलकर कर रहे हैं धान घोटाला
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सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे

धान खरीदी शुरू होते ही दो नंबर का धान हो रहा एक नंबर

बार्डर में होता है रात में अवैध परिवहन,

कांग्रेसी नेताओ्ं का प्रति ट्रक 4 हजार रुपए हिस्सा

धान माफियाओ्ं की सोटिंग निरंतर 6 सालों से जारी

धान माफियाओ्ं को करामत प्रति एकड़ धान का उत्पादन बढ़ा कर रहे खेल

दूसरे राज्यों का धान खपाने वाले सिंडीकेट में अधिकारियों और नेताओ्ं की हिस्सेदारी

सरकार यदि धानखरीदी केंद्रों का भौतिक सत्यापन प्रतिदिन कराए तो करोड़ों का धान अवैध धान का स्टाक मिलेगा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरायपाली बागबाहरा और बस्तर बॉर्डर से उड़ीसा प्रांत का घटिया धान छत्तीसगढ़ में दो नम्बर में लाया जा रहा है । हज़ार1200 रुपया क्विंटल का धान बोरा पलटी कर धान केंद्रों में अधिकारियों की मिलीभगत कांग्रेसी नेताओं के दबाव में है, सरकारी धान केंद्रों में सरकारी भाव में खपाया जा रहा है । यह कारनामा पुराने जमे हुए अधिकारी GST अधिकारी मंडी के अधिकारी खाद्य विभाग के अधिकारी मिलीभगत कर छत्तीसगढ़ शासन को करोड़ों रुपया का चूना लगा रहे।

धान कांड के मुख्य सरगना पिछली सरकार वे मुख्यमंत्री के ख़ास क़रीबी रहे हैं । ख़ास नेताओ्ं में छुटभैये नेता और अनेक कांग्रेसी विधायक जगदलपुर के दो कांग्रेसी विधायक के भाई ने अपना हिस्सा तय कर धान के घोटाले को बेखौफ अंजाम दे रहे है । ये सभी लोग मिलकर शासन को करोड़ों रुपया का चूना लगा रहे है बहुत शिकायत और दबाव होने पर महासमुंद में एक ट्रक धान अवैध परिवहन करते हुए उड़ीसा से आया धान विगत दिनों पकड़ा गया । उसके बाद आज तक प्रतिदिन सौ ट्रक माल उड़ीसा के बॉर्डर से छत्तीसगढ़ आता है । लेकिन आज तक सीमावर्ती राज्य की सीमा में तैनात चौकी के अधिकारियों और जवानों ने अवैध धान की जांच करने की आवश्यकता महसूस नहीं की। आज तक किसी अधिकारी ने या पुलिस ने अवैध धान के परिवहन को नहीं रोका।

छुटभैये कांग्रेसी नेता बागबाहरा कांग्रेस कमेटी से अपनी जड़ें मज़बूत किये हुए है महासमुंद के दो कांग्रेसी नेता जगदलपुर के पाँच कांग्रेसी नेता है अब संगठित होकर अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर विगत कई सालों से धान की ख़रीदी बिक्री का अवैध कारोबार करते हैं उड़ीसा से धान सस्ते में लाकर छत्तीगगढ़ शासन को समर्थन मूल्य में धान बोगस ऋण पुस्तिका के आधार में जमा कराया जाता है जिससे शासन को प्रति वर्ष करोड़ों रुपया का नुक़सान होता है और घटिया दर्जे का धान शासन के गोदाम में जमा हो रहा है । छत्तीसगढ़ की जनता का पैसा धान के इस अवैध कारोबार में अधिकारियों की मिलीभगत के कारण डुबाया जा रहा है । इसी तरह अंबिकापुर में राजनांदगाँव और छत्तीसगढ़ के सभी बॉर्डर में अवैध धान परिवहन की सूचना आ रही है। रात 12 बजे के बाद धान परिवहन अवैध रूप से सभी बॉर्डर में निरंतर जारी है । शासन को करोड़ों रुपया का चूना इन सभी बॉर्डर से प्रतिदिन लगता है अधिकारियों ने आंख बंद कर ली है और बॉर्डर में जितने भी थाने हैं सभी थाने में कांग्रेसी नेताओं की जबरदस्त सेटिंग है और एक सिस्टम बना हुआ है धान को अन्य प्रांतों से घटिया धान लाकर छत्तीगगढ़ शासन को महँगी दरों में टिकाया जाता है। फ़र्ज़ी तरीक़े से ऋण पुस्तिका में धान की आमद दर्शायी जाती हैं तो धान घोटाला शुरुआती दौर में भी भूपेश सरकार के सबसे क़रीबी सलाहकार के सिंडिकेट के रूप में सामने आया था अब उसी समय से जुड़े हुए छुटभैये नेता इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।

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