रायपुर। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा,प्रभु श्रीराम के परम भक्त और निमाड़ के दिव्य संत, पूज्य श्री सियाराम बाबा जी के देवलोकगमन का समाचार संत समाज एवं उनके असंख्य अनुयायियों के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मां नर्मदा के सेवक, पूज्य संत सियाराम जी ने अपने जीवन में सत्संग, साधना और सेवा के माध्यम से जो अलौकिक प्रेरणा दी, वह सदा अनुकरणीय रहेगी। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके समस्त भक्तों को इस कठिन घड़ी में संबल प्रदान करें। ॐ शांति।
खरगोन के बड़वाह में निमाड़ प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का 110 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बाबा ने बुधवार को मोक्षदा एकादशी पर सुबह 6:10 बजे अंतिम सांस ली। बाबा पिछले 10 दिन से निमोनिया से पीड़ित थे। निधन से देशभर में उनके अनुयायियों में शोक की लहर है। बाबा सियाराम का कुछ ही देर में नर्मदा नदी किनारे भट्ट्यान आश्रम क्षेत्र में अंतिम संस्कार होगा। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे। इससे पहले दोपहर करीब 3 बजे सीएम डॉ. मोहन यादव ने आश्रम पहुंचकर बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बाबा की समाधि व क्षेत्र को पवित्र और पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की। दोपहर तक करीब डेढ़ लाख लोग बाबा के अंतिम दर्शन कर चुके हैं।
संत सियाराम के अनुयायियों ने बताया, बाबा का असली नाम कोई नहीं जानता। वे 1933 से नर्मदा किनारे रहकर तपस्या कर रहे थे। 10 साल तक खड़े रहकर मौन तपस्या की। वे करीब 70 साल से रामचरित मानस का पाठ भी कर रहे थे। उन्होंने अपने तप और त्याग से लोगों के हृदय में जगह बनाई। उनके मुंह से पहली बार सियाराम का उच्चारण हुआ था, तभी से लोग उन्हें संत सियाराम बाबा कहकर पुकारते हैं।