सुकमा। नक्सल प्रभावित इस जिले में भाई बहन के प्रेम की अमर कहानी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है। राखी का बंधन महज धागा नहीं है, यह भाई बहन के प्यार की अटूट डोर है। सुकमा जिले के अति नक्सल प्रभावित एर्राबोर गांव में यह बंधन भाइयों की शहादत के बाद भी वर्षों से जिंदा है। यहां पिछले 14 साल से बहनें हर साल रक्षाबंधन पर देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले अपने भाइयों की प्रतिमा के हाथों पर राखी बांध इस पवित्र रिश्ते को निभाती आ रही हैं।
सालों बाद भी बहनें अपनी भावना व्यक्त करने यहां पहुंचती हैं, भाइयों की कलाई सजाती हैं और उनसे रक्षा का वचन लेती हैं। उनके इस प्रेम को देखने वाले हर व्यक्ति की आंख इस मौके पर भर आती है। बहनें कहती हैं कि हमें लगता है कि हमारे भाई आज भी हमारे बीच हैं। काश कि वे आज के दिन हमारे पास होते। वे देशसेवा में शहीद हुए हैं, हमें उन पर गर्व है।